Education System : ये हैं हमारे शिक्षक…! अंग्रेजी में ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ भी लिख नहीं पाए…यकीन न हो तो यहां देखिए VIDEO

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बलरामपुर, 27 जुलाई। Education System : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर सामने आई है। कुसमी विकासखंड के ग्राम पंचायत मड़वा स्थित प्राथमिक शाला घोड़ासोत में शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वायरल वीडियो में स्कूल के प्रधान पाठक और शिक्षक, भारत के राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, जिले के कलेक्टर और एसपी तक का नाम नहीं बता पाए। इतना ही नहीं, प्राथमिक स्तर के आम अंग्रेजी शब्दों जैसे ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ की भी वे सही स्पेलिंग नहीं लिख पाए।

बच्चों से सवाल-जवाब नहीं

मीडियाकर्मियों द्वारा स्कूल में पहुँचकर बच्चों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे गए। मगर वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे मूलभूत जानकारी वाले सवालों का भी उत्तर नहीं दे सके। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब वही प्रश्न शिक्षकों से किए गए और वे भी जवाब देने में असमर्थ रहे।

शिक्षक खुद नहीं लिख पाए सामान्य स्पेलिंग

स्कूल में उपस्थित तीनों शिक्षक, जिनमें प्रधान पाठक भी शामिल थे, ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ जैसे शब्दों की सही अंग्रेजी स्पेलिंग तक नहीं लिख पाए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक खुद ही बुनियादी अंग्रेजी ज्ञान से वंचित हैं।

प्रशासनिक मॉनिटरिंग पर भी उठे सवाल

इस घटना ने न केवल स्कूल की कार्यप्रणाली, बल्कि पूरे जिला शिक्षा विभाग की निगरानी प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग और निरीक्षण में गंभीर नहीं हैं, जिसका नतीजा बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर डाल रहा है।

DEO ने दी जांच और कार्रवाई का आश्वासन

मामले के सामने आने के बाद बलरामपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से जब मीडियाकर्मियों ने बात की, तो उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है, और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए ज़मीनी स्तर पर पहल करने की बात भी कही।

यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि ग्रामीण अंचलों में शिक्षा व्यवस्था (Education System) आज भी कितनी कमजोर और लापरवाह बनी हुई है। यदि ऐसे शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय होना तय है। अब देखना होगा कि यह घटना केवल आश्वासन तक सीमित रह जाती है या प्रशासन वास्तविक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाता है।