Effect of CM Request: 'Advantage' of 'same government' in center and state...! The demand for which the previous Congress continuously wrote letters… now the CM's request has had an impact.Effect of CM Request
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रायपुर, 22 दिसंबर। Effect of CM Request : केंद्र और राज्य में एक ही सरकार होने का यहीं तो फायदा है कि राज्य की उन्नत्ति में ‘राशि’ कोई बाधा नहीं बनता। इसका उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब केंद्र सरकार ने राज्य से उसना चावल लेने की सहमति जारी कर दी है। जबकि इसके विपरीत पिछली कांग्रेस सरकार इस मांग को लेकर लगातार पत्र लिख रही थी। साफ है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन का असर सरकारी कामकाज और केंद्र-राज्य के रिश्तों पर साफ दिख रहा है।

केंद्र ने जारी की 24 करोड़ से ज्‍यादा की राशि

दरअसल, अब केंद्र सरकार ने राज्‍य क हिस्‍से की 24 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राशि जारी कर दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय करों से मिली राशि में से छत्तीसगढ़ के हिस्से की राशि राज्य को हस्तांतरित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि यह जनता से किए गए हमारे वादों को पूरा करने के हमारे प्रयासों को बल प्रदान करेगा। गौरतलब है कि आगामी त्योहारों और नये वर्ष को देखते हुए केन्द्र द्वारा छत्तीसगढ़ को 2485.79 करोड़ रूपए की किश्त जारी की गई है। यह किश्त केन्द्र द्वारा 11 दिसम्बर 2023 को जारी की गई किश्त के अतिरिक्त है। केन्द्र सरकार से मिली इस राशि से राज्य सरकार को समाज कल्याण की योजनाओं तथा अधोसंरचना विकास योजनाओं के वित्तीय पोषण में मजबूती मिलेगी।

राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि

इससे पहले केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री साय के आग्रह को तत्काल स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ से सेन्ट्रल पूल में 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ से उसना चावल उपार्जित किए जाने की अनुमति काफी दिनों से लंबित थी। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से उसना चावल के उपार्जन की अनुमति मिलने पर कहा कि डबल इंजन की सरकार होने से राज्य को यह फायदा मिला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का इसके लिए राज्य की ओर से आभार जताया है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि साय ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की स्थिति एवं कस्टम मिलिंग की ओर केन्द्रीय खाद्य मंत्री गोयल का ध्यान आकर्षित करते हुए 21 दिसंबर को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में सेन्ट्रल पूल में चावल उपार्जन का कोटा 61 लाख मेट्रिक टन से बढ़ाकर 74 लाख मेट्रिक टन करने के साथ ही राज्य से 59 लाख मेट्रिक टन अरवा तथा 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने का अनुरोध अपने पत्र में किया है।

प्रतिदिन 3 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा धान की आवक

मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 20 दिसंबर की स्थिति में समर्थन मूल्य पर 8.68 लाख किसानों से 39.63 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है एवं प्रतिदिन 3 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा धान की आवक हो रही है। इस साल किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 130 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित है। जिसके कस्टम मिलिंग से 88 लाख मेट्रिक टन चावल निर्मित होगा। इसमें से केन्द्रीय पूल में लगभग 74 लाख मेट्रिक टन (भारतीय खाद्य निगम में 58 मेट्रिक लाख टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 16 लाख टन) एवं स्टेट पूल में 14 लाख टन चावल का उपार्जन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश हेतु केन्द्रीय पूल में 61 लाख टन चावल उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में कुछ किस्म के धान के मिलिंग में ज्यादा ब्रोकन आने के कारण निर्धारित गुणवत्ता का अरवा चावल नहीं बनने से अरवा मिलिंग में कठिनाईयां आती है। ऐसे धान की उसना मिलिंग कराने से कस्टम मिलिंग में गति आयेगी। मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए केन्द्रीय खाद्य मंत्री के निर्देश पर भारत सरकार के खाद्य विभाग मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ से 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल उपार्जन की स्वीकृति का पत्र जारी कर दिया गया है।