Elephants Skeleton: People are performing duty in the office with a salary of lakhs of rupees every month, here the elephant's carcass has become a skeleton and there is no air even!Elephants Skeleton
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Raigarh News : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों (Elephants Skeleton) को लेकर समस्या कम नहीं हो रही है। यहां कभी हाथी तो कभी हाथियों की वजह से मानव की जान जा रही है। इसके बाद भी वन विभाग में लापरवाही नहीं थम रही है।

लापरवाही का ताजा मामला बोरो रेंज से सामने आया है। जहां एक हाथी के बच्चे का करीब माह भर पुराना कंकाल (Elephants Skeleton) मिला है। हाथी का शव सूख कर कंकाल बन गया। और इसकी भनक तक वन विभाग के जिम्मेदारों को नहीं लगी।

डीएफओ धरमजयगढ़ ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में नुकिली ठूंठ पर गिरने से हाथी की मौत हुई है। मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज के रूवाफूल बीट के कक्ष क्रमांक 677 में करीब माह पुराना हाथी के बच्चे का कंकाल मिला है।

आसपास के ग्रामीणों की नजर जब उक्त कंकाल पर पड़ी तो इसकी सूचना वन विभाग को दी। गई। मामले की सूचना मिलते पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। डॉक्टरों की टीम ने सैंपल कलेक्ट करके अन्य जांचों के लिए लैब भेजा है। धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ ने कहा मौत के कारणों की जांच करने सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा गया है। मामले की जांच की जा रही है।

बता दें कि वन विभाग में बीट गार्ड, वन रक्षक, वनपाल, डिप्टी रेंजर, रेंजर, एसडीओ और डीएफओ समेत तमाम पद होते हैं। बीट गार्ड, वनरक्षक व वनपाल को रोजाना अपने अपने क्षेत्र में रहना होता है।

इन पर जंगल और जंगली जीव जंतुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए ही सरकार इन्हें हर महीने हजारों रुपये तनख्वाह देती है। वहीं डिप्टी रेंजर, रेंजर, एसडीओ को भी अपने अपने क्षेत्र में दौराकर वस्तुस्थिति का जायजा लेना होता है।

वहीं इनके ऊपर वन मंडालाधिकारी जिसे डीएफओ भी कहते हैं। इनके ऊपर पूरे वनमंडल की सुरक्षा का जिम्मा होता है। लेकिन इन साहेब को अपने एसी चेंबर से निकलने का फुर्सत मिले तब जंगल और जंगली जानवरों की सुरक्षा करें।