EWS Reservation Chhattisgarh : EWS आरक्षण पर छत्तीसगढ़ की चुप्पी…! हाईकोर्ट ने पूछा—कब मिलेगा आर्थिक कमजोरों को न्याय…?

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बिलासपुर, 25 मई| EWS Reservation Chhattisgarh : भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को संवैधानिक अधिकार मिलने के छह साल बाद भी छत्तीसगढ़ में इसे पूरी तरह से लागू न करने पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसर की दिशा में एक बड़ी बहस का हिस्सा बन गया है।

याचिकाकर्ता पुष्पराज सिंह व अन्य ने एडवोकेट योगेश चंद्रा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सवाल उठाया गया कि जब केंद्र और कई अन्य राज्य EWS श्रेणी को 10% आरक्षण दे चुके हैं, तो छत्तीसगढ़ क्यों अब तक पीछे है?

संविधान संशोधन और राज्य की निष्क्रियता

2019 में संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण का कानूनी अधिकार दिया गया था। इसके बाद 4 सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ सरकार ने लोक सेवा अध्यादेश के माध्यम से 10 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना भी जारी की (EWS Reservation Chhattisgarh)थी। लेकिन अब तक राज्य में शासकीय नौकरियों में इसका प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हुआ।

याचिका की बिंदुवार मांगें:

EWS श्रेणी के अभ्यर्थियों को 10% आरक्षण तत्काल लागू किया जाए

अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी इसे सार्वजनिक रोजगार में सुनिश्चित किया जाए

शासन की लापरवाही को संविधान की भावना के खिलाफ माना जाए

कोर्ट की टिप्पणी और निर्देश:

न्यायमूर्ति अमितेश किशोर प्रसाद की एकलपीठ ने शासन से चार सप्ताह में जवाब मांगा (EWS Reservation Chhattisgarh)है और याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने का आदेश दिया है।

सवाल यह है:

क्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को संविधान संशोधन के बावजूद छत्तीसगढ़ में अब भी इंतज़ार करना पड़ेगा? क्या आरक्षण का अधिकार सिर्फ अधिसूचना तक सीमित रहेगा?