Extramarital Affair: Big news from Durg district...! Husband out of job...wife has physical relationship with another man...numerous abortions...husband's divorce petition accepted on this basisExtramarital Affair
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बिलासपुर, 12 अगस्त। Extramarital Affair : पति नौकरी के कारण राज्य से बाहर रहता था। इसके बावजूद पत्नी ने करीब 8 से 12 बार गर्भपात करवाया। जानकारी जुटाने और तलाक के लिए आवेदन करने के बाद फैमिली कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद हाईकोर्ट ने पति की अपील स्वीकार करते हुए तलाक मंजूर कर लिया।

फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में आवेदन देने वाले युवक की शादी दुर्ग जिले में रहने वाली युवती से हिंदू रीति– रिवाजों के अनुसार 1996 में हुई थी। पति– पत्नी 2005 तक एक साथ रहे। फिर पति अपनी नौकरी के सिलसिले में महाराष्ट्र चला गया। महाराष्ट्र से उसका तबादला केरल हो गया। 2006 में दंपत्ति की बेटी हुई।

पति की अनुपस्थिति में पत्नी आई अन्य पुरुष के संपर्क

पति की अनुपस्थिति में पत्नी अन्य पुरुष के संपर्क में आ गई। इस दौरान अन्य पुरुष से प्रेम संबंध स्थापित कर शारीरिक संबंध भी बनाने लगी। पति के प्रदेश से बाहर रहने के बावजूद भी 8 से 12 बार गर्भपात करवाया। पति ने अपनी याचिका में बताया है कि हर बार उसकी पत्नी के साथ गर्भपात के समय अस्पताल में पति के बजाय उसका प्रेमी पति की तरह रहा।

पति ने याचिका में बताया है कि सब कुछ जानने के बाद भी परिवार टूटने से बचने के लिए वह पत्नी को सब कुछ भुला समझौता कर अपने साथ रखने के लिए तैयार था। पर उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी का साथ नहीं छोड़ा और लगातार उससे संपर्क बना संबंध भी बनाती रही। तब पति ने तलाक लेना ही मुनासिब समझ दुर्ग परिवार न्यायालय में तलाक हेतु आवेदन दिया। पर फैमिली कोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया।

दर्ज़न भर हुआ अबार्शन

इसके बाद हाईकोर्ट में पति ने याचिका दाखिल कर फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। याचिका की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच में हुई। जिसमें पति के अधिवक्ता ने पत्नी के द्वारा 8 से 12 बार गर्भपात करवाने की मेडिकल रिपोर्ट अदालत को सौंपी। इसके साथ ही पति का सर्विस रिकॉर्ड दिखाकर यह भी बताया गया कि इस दौरान पति छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य प्रदेश में नौकरी कर रहा था। अपीलकर्ता पति के भाई व घर में काम करने वाली लड़की ने भी इस तथ्य के समर्थन में अपने बयान दिए।

घरेलू सहायिका ने की विवाहेतर संबंध की पुष्टि

घर में काम करने वाली लड़की ने अपने बयान में बताया कि रात में एक चाचा आए। मैडम व चाचा ने उसे बरामदे में सोने भेज दिया और खुद दोनों कमरे के अंदर सोने चले गए और दरवाजा बंद कर दिया। याचिकाकर्ता के भाई ने भी अपने बयान में बताया कि उसकी भाभी उसके भाई के पास केरल गई थी। ट्रेन से जब वह वापस आई तो रात होने की वजह से वह अपने भाभी को लेने स्टेशन पहुंचा।

स्टेशन पहुंचकर उसने देखा कि उसकी भाभी किसी अन्य पुरुष के साथ जा रही है। उसने उन दोनों का पीछा किया। घर में पहुंचने के बाद दोनों कमरे के अंदर चले गए और दरवाजा बंद कर लिया। प्रति परीक्षण के दौरान पक्षकार पत्नी ने भी पर–पुरुष के संपर्क में रहने की बात स्वीकार कर ली। इस आधार पर हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए पति की याचिका मंजूर करते हुए तलाक की मंजूरी दे दी।