डेस्क, 27 जुलाई। Eye Flu : तेजी से बढ़ते आई फ्लू को देखते हुए AIIMS ने भी गुरुवार को ट्वीट कर आई फ्लू से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि गर्मी के मौसम के अंत और मानसून की शुरुआत में यह बीमारी फैलती है। इस मौसम में मक्खियों की अधिकता के कारण यह संक्रमण होता है। ऐसे में बचाव के लिए वातावरण साफ रखना चाहिए।
डॉक्टरों का कहना है कि आई फ्लू की समस्या एक से दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाती है। इसे लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि बचाव को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है। एम्स में नेत्र विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. नम्रता शर्मा ने बताया कि संक्रमण से बचकर ही आई फ्लू को कम किया जा सकता है।
इसमें मरीज की आंख के सफेद हिस्से में संक्रमण होता है, जो जल्द ठीक हो सकता है, लेकिन 30 फीसदी मरीजों में यह पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में गंभीर मरीजों की आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। यह बीमारी देखने से नहीं, बल्कि संक्रमित जगह को छूने या मरीज के संपर्क में आने से होती है। ऐसे में बचाव को लेकर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
एक माह तक जिंदा रहता है वायरस
आई फ्लू का वायरस एक माह तक जिंदा रह सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि आई फ्लू देखने से नहीं फैलता, बल्कि संक्रमित जगह को छूने से फैलता है। संक्रमित मरीज जिस जगह को छूता है वहां वायरस एक माह तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए संक्रमित मरीज को आइसोलेट करना चाहिए। साथ ही, इस्तेमाल के कपड़ों को अलग रखना चाहिए। सफाई का विशेष ध्यान रखने से इसका प्रभाव तेजी से घटता है।
यह है लक्षण
– आंखें लाल होना
– आंखें चिपचिपी होना
– आंखों में सूजन होना
– खुजली व पीले रंग का पानी आना
– आंखों में चमक लगना
अस्पताल में दोगुना हो गए मरीज
अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि आई फ्लू की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की संख्या डबल हो गई है। अब अस्पताल में रोजाना 40-50 मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, दिल्ली सरकार के गुरु नानक आई सेंटर सहित 37 अस्पतालों, 400 से अधिक मोहल्ला क्लीनिकों, 100 से अधिक निजी अस्पतालों में रोजाना हजारों मरीज आई फ्लू की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासकर बाढ़ प्रभवित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में हर दूसरे मरीज में आई फ्लू के मामले देखने को मिल रहे हैं।
खुद न बनें डॉक्टर
आरपी सेंटर, एम्स के प्रमुख के डॉ. जीवन सिंह टिटियाल का कहना है कि आई फ्लू संक्रामक रोग है। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। आंख में लाली तीन दिन से अधिक रहे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। संक्रमण से बचाव के लिए वातावरण साफ रखें। भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। आई फ्लू होने पर स्विमिंग पूल भी न जाएं।
एम्स की सलाह
– कॉन्टेक्ट लैंस का इस्तेमाल न करें
– हाथ से आंखों को बार-बार न छुएं
– ठंडे पानी से आंखों को बार-बार धोएं
– समय-समय पर हाथ को साबुन से साफ करें
– तौलिया व रूमाल अलग रखें
– भीड़ वाले इलाकों से दूर रहें
– संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें