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दुर्गः इस गैंग का तरीका फिल्म स्पेशल-26 की स्टोरी से काफी मिलता-जुलता है। ये गैंग कारोबारियों को निशाना बनाता है।गैंग के शातिर सदस्य पहले तो अच्छे तरीके से रेकी करते थे और फिर ED के अफसर बनकर व्यापारी के ठिकाने पर रेड मारते थे। रेड मारने का तरीका हू-ब-हू ED-CBI और आयकर विभाग की तरह ही होता था।इसके बाद ये फर्जी अफसर व्यापारी को डराते। धमकाते थे। और जैसे ही व्यापारी इनके सामने सरेंडर करता है, तो ये जालसाज उसे मामला दबाने का झांसा देकर करते थे डील और करोड़ों रुपये लेकर हो जाते थे फरार।

गैंग ऑफ ठग्स इन दिनों छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। ठगों का यह गिरोह प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम पर बड़े ही शातिराना तरीके से ठगी और उगागी की वारदात को अंजाम दे रहा है। हालहि में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बदमाशों ने चावल कारोबारी विनीत गुप्ता को अपना शिकार बनाते हुए उससे दो करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। इस ममले में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस तीन आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश के लिए घटनास्थल और इसके आस-पास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी है। साथ ही वो मोबाइल सर्वेलांस के साथ ही हर वो कड़ी जोड़ने में लगी है। जिसकी मदद से वह इस हाईप्रोफाइल ठगी के बाकी आरोपियों तक पहुंच सके।

हलांकि अभी तक पीड़ित विनीत गुप्ता ने सामने आकर यह जानकारी नहीं दी है कि। दो करोड़ रुपये की रकम उसके पास कहा से आई।. सवाल तो यह भी है कि बदमाशों ने सीधे विनीत गुप्ता को ही टारगेट कैसे और क्यों किया। वारदात वाले रोज विनीत के दफ्तर में काम करने वाले दोनों कर्मचारी छुट्टी पर थे। क्या यह एक सहयोग था या फिर सोच समझकर किया गया प्रयोग। कहीं इनका विनीत को शिकार बनाने वाले जालसाजों से कोई कनेक्शन तो नहीं। ऐसे कई सवाल हैं जिसके जवाब अभी आने बाकी है।