रायपुर, 15 जुलाई। Fake Hologram Case : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को मेरठ कोर्ट ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है। टुटेजा के साथ ही कोर्ट ने अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को भी 29 जुलाई तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। दोनों को यूपी एसटीएफ ने कोर्ट में पेश किया।
रायपुर पुलिस अनिल टुटेजा को शनिवार रात मेरठ लेकर रवाना हुई थी। टुटेजा के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश में नकली होलोग्राम मामले में FIR दर्ज हुई है। इसके बाद मेरठ कोर्ट ने उसकी पेशी का वारंट जारी किया था।
दूसरी ओर नकली होलोग्राम सप्लाई मामले में EOW ने चार आरोपियों को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। इनमें दीपक दुआरी, अमित सिंह, अनुराग द्विवेदी और प्रिज्म होलोग्राम कंपनी के स्टेट हेड दिलीप पांडे शामिल हैं। चारों आरोपियों को कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड पर सौंप दिया।
FIR खारिज करने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आवेदन
नकली होलोग्राम मामले में दर्ज FIR के खिलाफ आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आवेदन दिया है। इसमें नोएडा के कासना थाने में दर्ज FIR को चैलेंज किया है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ED के डिप्टी डायरेक्टर ने जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में नोएडा में FIR दर्ज कराई थी। इस केस की जांच यूपी STF कर रही है।
FIR में आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त रहे निरंदन दास और होलोग्राम सप्लाई करने वाली प्रिज्म कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता का नाम शामिल है।
क्या है नकली होलोग्राम केस
FIR के मुताबिक, नोएडा स्थित PHSF नाम की कंपनी को टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया गया। कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी।
आरोप है कि, आबकारी विभाग के विशेष सचिव AP त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा ने टेंडर के लिए उसकी शर्तों में संशोधन किया। बदले में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतल बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।
ED के मुताबिक, नोएडा स्थित कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता ने अपने बयान में डुप्लीकेट होलोग्राम छापने की बात स्वीकारी है। वह उत्पाद शुल्क कार्यालय छत्तीसगढ़ को मूल होलोग्राम की आपूर्ति की, जिसमें उनके अंत में सीरियल नंबर डाले गए थे।
फर्जी ट्रांजिट पास से होती थी सप्लाई
टेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता डूप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ के सक्रिय सिंडिकेट को करने लगा। यह सप्लाई CSMCL के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। सिंडिकेट के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधु गुप्ता से लेकर सीधे तीनों शराब निर्माता कंपनियों को पहुंचा देते थे।
भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद फर्जी ट्रांजिट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।
तीन साल तक हर महीने 400 ट्रक अवैध शराब बेची
इन दुकानों पर गैंग के कर्मचारी रहते थे। जो अवैध शराब को असली शराब के साथ बेच देते। इसका पैसा अलग से इकट्ठा करते। अवैध शराब से आया पैसा गैंग सदस्य अलग से कलेक्ट करते। इसके बाद पैसे को बड़े अधिकारियों के पास पहुंचाया जाता। गैंग में शामिल सभी सदस्यों का कमीशन फिक्स था। 2019 से 2022 तक हर महीने 400 ट्रक की अवैध शराब की सप्लाई की गई।
इन्हें भी बनाया गया आरोपी
जुलाई 2023 में छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में ED ने नोएडा के कासना थाने में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज निलंबित IAS अनिल टुटेजा के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
इनके अलावा PHSF के डायरेक्टर विधु गुप्ता के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 484, 120बी IPC और 7/13.7 (क) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज (Fake Hologram Case) किया गया था ।