FEMALE NAXALITE SURRENDER: Dreaded Naxalite Nirmala, who was involved in the Jheeram Valley attack and had a bounty of Rs 20 lakh, surrendered in the neighboring state.FEMALE NAXALITE SURRENDER
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SURRENDERED IN TELANGANA : माओवादियों को एक बार फिर फोर्स ने तगड़ा झटका दिया है. नक्सली संगठन में सालों से काम कर रही हार्डकोर माओवादी निर्मला ने सरेंडर (FEMALE NAXALITE SURRENDER) कर दिया है. निर्मला दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति की महिला सदस्य रही.

नक्सली संगठन में निर्मला को उसके साथ कोड़ी मंजुला के नाम से भी जानते हैं. कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला ने तेंलगाना के वारंगल में सरेंडर किया. निर्मला ने पुलिस आयुक्त अंबर किशोर झा के सामने सरेंडर किया. निर्मला पर 20 लाख का इनाम सरकार ने रखा था.

जिले में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. सक्रिय माओवादियों से सरेंडर करने की अपील भी की जा रही है. सरकार की पुनर्वास नीति के लाभ का भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है. शासन की योजनाओं से प्रभावित होकर महिला माओवादी कोड़ी मंजुला उर्फ निर्मला ने सरेंडर किया है.

निर्मला पर 20 लाख का इनाम था. शासन की ओर से निर्मला को सभी सुविधाएं पुनर्वास नीति के तहत दी जाएंगी. सरेंडर नक्सली दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी की एरिया सचिव, मेडिकल टीम प्रभारी और दरभा डिविजनल कमेटी के सदस्य के रूप में काम कर चुकी है.

पुलिस के मुताबिक साल 2013 में हुए झीरम घाटी हमले में कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला शामिल रही है. झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के कई वरिष्ठे नेताओं की जान गई थी. कहा जा रहा है कि मंजुला इस घटना में आरोपी रही है. इसके अलावा मंजुला चित्यला, नरसापेट, एथूरनगरम और कई पुलिस स्टेशनों पर हुए गोलीबारी की आरोपी रही है.

निर्मला ने 1999 में पेरम बुचैया उर्फ सुरेंदर से शादी कर ली. उसी वर्ष कोड़ी मंजुला के पति सुरेंदर ने क्षेत्र समिति सदस्य के रूप में कार्यभार संभालने के बाद साल 2000 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. कोड़ी मंजुला ने साल 2001 में माचरला एसोबू उर्फ जगन के अधीन प्रेस टीम सुरक्षा प्लाटून में एक वर्ष तक काम किया. उसी वर्ष डिवीजनल कमेटी सदस्य कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से निर्मला ने शादी कर ली.

नक्सल संगठन में मिले कई पद (FEMALE NAXALITE SURRENDER)

24 दिसंबर 2002 को कोड़ी मंजुला को पुलिस ने भूपालपल्ली एरिया से गिरफ्तार किया. जेल से रिहा होने के बाद वो फिर से नक्सली संगठन के लिए काम करने लगी. 2007 से कोड़ी मंजुला बल कमांडर के रुप में कर रही है.

साल 2011 में मंजुला को नक्सल संगठन में मेडिकल टीम की प्रभारी का भी जिम्मा मिला. साल 2012 में उसे दरभा डिविजन कमेटी का सदस्य बनाया गया. 2017 में निर्मला को बस्तर डिविजनल कमेटी का सदस्य बनाकर बस्तर भेजा गया.