Fight for Parking : पार्किंग के लिए डिप्टी डायरेक्टर ने सोसाइटी सचिव की चबा डाली नाक

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कानपुर, 27 मई। Fight for Parking : कानपुर की रतन प्लेनेट हाईराइज सोसाइटी में पार्किंग विवाद के चलते एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट विभाग के डिप्टी डायरेक्टर क्षितिज मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने सोसाइटी सचिव आरएस यादव को न केवल थप्पड़ मारे, बल्कि उनकी नाक भी दांतों से काट दी। घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई और पीड़ित की हालत गंभीर है। आरोपी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करा दिया है, और जांच जारी है।

बेटी ने सुनाई दिल दहला देने वाली आपबीती

सोसायटी सचिव आरएस यादव की बेटी ने रोते हुए बताया, रात डिप्टी डायरेक्टर क्षितिज मिश्रा ने पापा को फोन करके कहा कि मेरी पार्किंग में किसी और की कार खड़ी है, उसे हटाओ। पापा ने कहा कि यह गाड़ी हमारी नहीं है, हम पता कर रहे हैं किसकी है, लेकिन वह गुस्से में आ गए और पापा को बाहर बुलाया। बाहर आते ही उन्होंने पापा को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। इसके बाद जो हुआ वह कल्पना से परे था। जब पापा ने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो उन्होंने गुस्से में उनकी गर्दन पकड़ कर उनकी नाक को अपने दांतों से काट लिया। नाक पूरी तरह से अलग हो गई। पापा खून से लथपथ हो गए और दर्द से चिल्लाते रहे, लेकिन कोई मदद को नहीं आया। आरोपी आराम से टहलते हुए वहां से निकल गया।

अधिकारी की करतूत CCTV में कैद

इस पूरी घटना की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जिसमें डिप्टी डायरेक्टर क्षितिज मिश्रा सचिव को थप्पड़ मारते और फिर गर्दन पकड़कर नाक पर दांत गढ़ाते साफ दिख रहे हैं। जैसे ही नाक कटी, सचिव दर्द से चीखते नजर आते हैं और भागकर घर की ओर लौटते हैं। इस वीडियो में न केवल हमला साफ नजर आता है, बल्कि आरोपी की बेरहमी और बर्बरता भी खुलकर सामने आती है। घटना के बाद आरएस यादव को आनन-फानन में रीजेंसी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने नाक को जोड़ने से इनकार कर दिया। उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी, इसलिए परिजन उन्हें दिल्ली स्थित प्लास्टिक सर्जरी सेंटर ले जाने की तैयारी में हैं।

बता दें कि, आरोपी क्षितिज मिश्रा केंद्र सरकार के अधीन इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हैं और लंबे समय से रतन प्लेनेट सोसाइटी में रहते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि वह पहले भी सोसाइटी के अन्य सदस्यों से रुखे और दबंग अंदाज में बात करते रहे हैं। पार्किंग विवाद को लेकर पहले भी सोसाइटी (Fight for Parking) में विवाद हो चुका है।