झांसी, 16 नवंबर। Fire in Medical College : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात को शिशु वार्ड के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। घटना में अन्य 16 बच्चे घायल होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिस वार्ड में आग लगी, उसमें कुल 55 बच्चे थे।
हादसे से जुड़े वीडियो सामने आए हैं। इसमें दिख रहा है कि एक तरफ हॉस्पिटल में चीख-पुकार मची हुई थी। दूसरी तरफ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पहुंचने से पहले सड़क की सफाई कर चूना डाला जा रहा है। हालांकि, मामला सुर्खियों में आने के बाद डिप्टी सीएम ने वीडियो जारी कर बयान दिया। कहा- उन्होंने डीएम से उन लोगों पर एक्शन लेने के लिए कहा है, जिन्होंने चूना छिड़कवाया था।
आग बुझाने के उपकरण एक्सपायर मिले
घटना के बाद के बाद बात अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और अस्पताल में रखे आग बुझाने वाले उपकरण पर पहुंच गई। कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अस्पताल में आग बुझाने के उपकरण एक्सपायर हो गए थे और अलार्म खराब थे।
सरकार परिवारों के साथ खड़ी है
इसके बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ सरकार बच्चों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है। हमारे कर्मचारियों, डॉक्टरों और बचाव दल ने बच्चों को बचाने के लिए बहादुरी से काम किया है। मेडिकल कॉलेज में सभी अग्निशमन उपकरण पूरी तरह से ठीक थे। यहां फरवरी में अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था। जून में एक मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई थी।
146 अग्निशामक यंत्र लगे हुए हैं
वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने भी इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, ‘मेडिकल कॉलेज में कुल 146 अग्निशामक यंत्र लगे हुए हैं। हादसे के वक्त एनआईसीयू वार्ड के अग्निशामक यंत्र का भी इस्तेमाल किया गया था। इन सभी उपकरणों का समय-समय पर ऑडिट भी किया जाता है। इस दौरान जो कमियां सामने आती हैं, उन्हें हटा दिया जाता है।’