बीजापुर/सतीश अल्लूर, 25 नवंबर। Forest Minister : छत्तीसगढ़ में काबिज भाजपा की सरकार को मोदी जी की गारंटी और सुशासन की सरकार की संज्ञा दी जाती है, परंतु आपके ही विभाग में पदस्थ कुछ वन परिक्षेत्र अधिकारी सरकार की इस मानसा को मट्टीपलीत करते हुए नजर आ रहे हैं।
पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार से घिरे
सरकार में पत्रकारों के साथ सिर्फ बदसलूकी ही नहीं हो रही है बल्कि उन पर फर्जी मामले भी बनाए जा रहे हैं। हाल ही में बीजापुर जिले के भोपाल पटनम में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी विनोद तिवारी से जुड़ा एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां पर वे विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने गए हुए पत्रकारों के साथ अभद्रता और बदसलूकी करते हुए नजर आ रहे हैं।
पिछले तीन दिनों से यह खबर सोशल मीडिया, अखबारों और चैनलों में सुर्खियां बनी हुई है। परंतु अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इससे ऐसा लग रहा है कि वन विभाग में भ्रष्टाचार करने वाले अफसर को सरकार संरक्षण देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उक्त रेंजर के खिलाफ पहले भी भोपालपटनम क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा भ्रष्टाचार के अलावा जंगलों को काटकर जमीन कब्जा करने जैसे शिकायत कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर उन पर भोपालपटनम क्षेत्र में स्थित बेशकीमती इमारती लकड़ी और सागौन वृक्षों की कटाई और तस्करी में संलिप्त होने की खबरें भी आई थी। बावजूद कार्रवाई न होने के कारण रेंजर विनोद तिवारी स्वयं को डीएफओ या सरकार से कम नहीं समझते हैं।
इस तरह के अफसर को आश्रय देना यानी कि सरकार के सुशासन पर और मोदी जी के गारंटी पर सवालिया निशान लगाना है। महोदय आपको पत्र लिखने के पीछे पत्रकारों की मंशा यह नहीं है कि हम विभाग के किसी अफसर की शिकायत कर रहे हैं परंतु हम यह चाहते हैं कि अगर प्रदेश में इस तरह के अफसर पर लगाम नहीं लगाया गया तो आगामी दिनों में यही अफ़सर आपकी सरकार को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।