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बीजापुर, 17 अक्टूबर। Forest Recruitment : बीजापुर में चल रही वन रक्षक की भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए सुबह सात बजे बुलाया गया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने भर्ती नियमों की अवहेलना करते हुए शाम सात बजे से टेस्ट लिया गया। देर से और कम समय में कराए गए इस शारीरिक परीक्षण को लेकर अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी की आशंका जताई है।

दरअसल, बीजापुर के वन विभाग की ओर से वन रक्षक की 70 पदों पर भर्ती किया जाना है, यह भर्ती इंद्रावती टाइगर में 60 पद और और सामान्य वन विभाग की ओर से 10 पदों पर होना है। यह भर्ती प्रक्रिया 16 नवम्बर से 19 नवम्बर तक विभाग की ओर से किया जाना है। प्रत्येक दिन में कुल 2500 लोगों को भर्ती में लिया जाएगा। अब इस वन रक्षक भर्ती प्रक्रिया मामले पर अब कई तरह सवाल उठ खड़े हो रहे हैं।

मीडिया को कवरेज करने से रोका

वनरक्षकों की हो रही सीधी भर्ती का कवरेज करने के लिए मीडिया के तमाम लोग परीक्षण स्थल पर पहुंचे थे। लेकिन DFO बीजापुर के निर्देशन में विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों ने मीडिया को कवरेज करने से रोका गया। इससे अभ्यर्थियों की परीक्षण को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को बल मिलता है।

प्रेस क्लब अध्यक्ष संतोष हुए नाराज

वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भर्ती प्रक्रिया को लेकर जहां एक ओर प्रशासन पारदर्शी बनाने के लिए वीडियो ग्राफी की जा रही है। वहीं देर रात तक शारीरिक दक्षता के परीक्षण के लिए रोके जाने को लेकर अभ्यर्थियों की शिकायतों पर चले खबरों की सत्यता जानने पहुंचे पत्रकारों को रोके जाने से पत्रकार नाराज हो गए।

बताया गया है कि इन पत्रकारों में प्रेस क्लब के अध्यक्ष के संतोष कुमार स्वयं मौजूद रहे। संतोष कुमार का आरोप है कि वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया की गड़बड़ियों के सवाल पर उपनिदेशक आईटीआर ने कहा कि जो लिखना है लिख लो, हम देख लेंगे। संतोष ने कहा कि एक जिम्मेदार अधिकारी का इस तरह का बेतुका बयान प्रशासन की निरंकुशता को दर्शाता है तथा भर्ती प्रक्रिया में धांधली के सवाल को मजबूती प्रदान करता है। अधिकारियों को समझना होगा ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी।

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