नई दिल्ली, 03 दिसम्बर| GST Counsil Meeting : सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों की जेब का खर्च बढ़ने वाला है, दरअसल, इस पर लगने वाले जीएसटी की दरों में इजाफा किया जा सकता है| GST Counsil की बैठक से पहले रेट्स को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित किए गए मंत्रियों के समूह (GoM) ने तंबाकू प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 28 फीसदी से बढ़ाकर अब 35 फीसदी किए जाने की सिफारिश की है, हालांकि, इसपर अंतिम फैसला इसी महीने 21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा|
महंगे हो जाएंगे तंबाकू प्रोडक्ट्स
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, GST Rates को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह ने सोमवार को सिगरेट एवं तंबाकू जैसे हानिकारक प्रोडक्ट्स के साथ ही कोल्ड ड्रिंक पर भी जीएसटी की दर को मौजूदा 28 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी किए जाने की सिफारिश की| अगर सरकार की ओर से ये फैसला लिया जाता है, तो इन प्रोडक्ट्स के दाम में तगड़ा उछाल देखने को मिल सकता है|
कपड़ों पर लगने वाले टैक्स में बदलाव संभव
एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में जानकारी देते हुए कहा गया है कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री (Bihar Deputy CM) सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में GoM ने ये फैसला किया है| यहां बता दें कि 35 फीसदी की ये जीएसटी दर मौजूदा चारों स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% के अतिरिक्त होगी| जीओएम ने रेडीमेड और महंगे कपड़ों पर टैक्स रेट्स को भी तर्कसंगत बनाने के साथ ही समेत 148 आइटम्स की दरों में बदलाव की सिफारिश की है|
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मंत्रियों के समूह ने 1,500 रुपये तक की कीमत वाले रेडीमेड कपड़ों पर 5 फीसदी जीएसटी की सिफारिश की है, तो वहीं 1,500 से 10,000 रुपये तक कीमत वाले कपड़ों पर 18 फीसदी और इससे अधिक वैल्यू वाले कपड़ों पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाए जाने की अनुशंषा की गई है|
21 दिसंबर को GST काउंसिल की बैठक
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने जीएसटी रेट्स में बदलाव की जो सिफारिश की है, उसकी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंपी जाएगी और इस पर आखिरी फैसला 21 दिसंबर की प्रस्तावित बैठक में लिया जाएगा. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में GST Counsil की 55वीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में होने वाली है|
2017 में लागू किया गया था जीएसटी
पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की जगह 2017 को देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था| इसे देश में आजादी के बाद से सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जाता है| सरकार ने जीएसटी को 29 मार्च 2017 को पास कराया था और इसके बाद 1 जुलाई 2017 को इस नई टैक्स व्यवस्था को लागू किया था. इससे वैट (VAT), एक्साइज ड्यूटी (कई चीजों पर) और सर्विस टैक्स (Service Tax) जैसे 17 टैक्स खत्म हो गए| केंद्र सरकार के मुताबिक, आज से 7 साल पहले लागू जीएसटी ने देश के लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने में मदद की है|