Hathras Accident: After 121 lives were lost, 'Satsang Baba's' first statement came out... see the letter hereHathras Accident
Spread the love

नई दिल्ली, 03 जुलाई। Hathras Accident : हाथरस में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोग अब भी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच पहली बार घटना को लेकर भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का बयान सामने आया है। भोले बाबा ने बयान जारी करते हुए घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है और दावा किया कि असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ मचाई गई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने अपने वकील के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और परमात्मा से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील डॉ एपी सिंह को भगदड़ मचाने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। मैं 2 जुलाई को गांव फुलारी, सिकंदराराऊ, हाथरस आयोजित सत्संग से काफी समय पहले ही निकल चुका था।

सत्संग के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज

बता दें कि हाथरस भगदड़ मामले में यूपी पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। आरोप है कि इस कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के जुटने की अनुमति थी, लेकिन ढाई लाख लोगों को जुटाया गया। हालांकि, FIR में भोले बाबा का नाम दर्ज नहीं है। FIR में आरोप लगाया गया है कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की असल संख्या छिपाई, ट्रैफिक मैनेजमेंट में मदद नहीं की और भगदड़ के बाद सबूत छिपाए। 

FIR के मुताबिक, भगदड़ तब मची जब दोपहर दो बजे भोले बाबा अपनी गाड़ी से वहां से निकल रहे थे। जहां-जहां से गाड़ी गुजर रही थी, वहां-वहां से उनके अनुयायी धूल-मिट्टी उठाने लगे। देखते ही देखते लाखों की बेकाबू भीड़ नीचे बैठे या झुके भक्तों को कुचलने लगी और चीख-पुकार मच गई। FIR में कहा गया है कि दूसरी तरफ लगभग तीन फीट गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने लाठी-डंडों से रोक दिया, जिसके कारण भीड़ बढ़ती गई और महिलाएं-बच्चे कुचलते गए।

मामले में सिंकदराराउ पुलिस थाने (Hathras Accident) में बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। FIR में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 110 (गैर-इरादतन हत्या की कोशिश), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (सरकारी आदेश की अवज्ञा), 238 (सबूतों को छिपाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।