लखनऊ, 22 नवंबर। Hit And Run Case : लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में मंगलवार सुबह एसयूवी से मासूम को रौंदने की घटना ने जी-20 मार्ग पर सुरक्षा में अनदेखी उजागर कर दी है। इस पूरे मार्ग पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है, जबकि इससे पुलिस मुख्यालय में तैनात बड़े अफसरों के अलावा वीआईपी अधिकारियों की आवाजाही रहती है।
मार्ग से जनेश्वर पार्क की तरफ पुल से उतरते वक्त सड़क के एक ओर स्थित मैगी प्वॉइंट पर लगे सीसीटीवी कैमरे से पहला सुराग लगा। डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस कैमरे में एसयूवी दिखी, पर उसका नंबर नहीं नजर आया। फिर इस रूट के करीब 40 कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिससे एसयूवी ट्रेस हो गई। गाड़ी नंबर मिलते ही आरोपी के घर तक पुलिस पहुंच गई। करीब दो महीने पहले शहीद पथ पर हुए हादसे में एमबीए के छात्र की मौत हो गई थी।
व्यस्त मार्ग पर स्केटिंग का अभ्यास
स्केटिंग के कई क्लब हैं। नामिश टीम अवध में सीखता था। ये सभी रोजाना जनेश्वर मिश्र पार्क परिसर में गेट नंबर-6 के पास अभ्यास करते हैं। इसकी आधिकारिक अनुमति नहीं होती है। इसके अलावा यहां सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं रहती है। सप्ताह में एक-दो बार ये सभी रोड साइड अभ्यास करने जाते हैं। तब अधिकतर मरीन ड्राइव पर स्केटिंग करते हैं।
भागने की तैयारी में थे आरोपी
पुलिस ने जब दोनों आरोपियों को उठाया तो पता चला कि उन्होंने परिवारवालों को पूरी घटना बता दी थी। वे सभी उन्हें भगाने के प्रयास में लग गए। पुलिस लेट होती तो इनका मिलना मुश्किल हो जाता। आरोपी अपने मोबाइल भी बंद कर चुके थे। मंगलवार सुबह रईसजादों की तेज रफ्तार एसयूवी ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) में तैनात एडिशनल एसपी के इकलौते बेटे को टक्कर मार दी। मां के सामने ही स्केटिंग कर रहे मासूम की मौत हो गई। हादसे के बाद चालक एसयूवी लेकर भाग निकला।
श्वेता सड़क के दूसरी तरफ थीं
सुबह साढ़े पांच बजे श्वेता उसे जनेवश्वर पार्क में स्केटिंग का अभ्यास करवाने लाईं। कोच के साथ नामिश व उसका एक साथी जी-20 मार्ग पर स्केटिंग कर रहे थे। श्वेता सड़क के दूसरी तरफ थीं। इसी दौरान शहीद पथ की ओर से आई तेज रफ्तार महिंद्रा एक्सयूवी 700 ने नामिश को जोरदार टक्कर मार दी। चालक ब्रेक लगाने के बजाय एसयूवी और तेज भगा ले गया। खून से लथपथ नामिश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है। श्वेता के पति अभिनय श्रीवास्तव गुड़गांव के निजी बैंक में अफसर हैं। हादसे की जानकारी पर डीजीपी विजय कुमार, स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार समेत आलाधिकारियों ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर सांत्वना दी।
15 फीट उछला फिर बोनट पर गिरा
टक्कर इतनी जोरदार थी कि नामिश करीब 15 फीट उछला और फिर एसयूवी के बोनट पर बायीं तरफ गिरा। फिर भी चालक ने एसयूवी नहीं रोकी। समतामूलक चौराहा, पॉलीटेक्निक होते हुए घर पहुंचकर उसने एसयूवी खड़ी कर दी। इसकी बायीं ओर की हेडलाइट टूट गई और बोनट धंस गया। हादसा पलक झपकते हुआ। श्वेता व अन्य लोग चंद सेकंड के लिए सन्न रह गए। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि कुछ पल पहले खुशी से स्केटिंग कर रहा मासूम अब नहीं रहा। हादसे का मंजर देख हर किसी की रूह कांप गई।
पता था कि बच्चा नहीं बचेगा : आरोपी
पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों आरोपी बोले कि जिस तरह से टक्कर लगी थी उससे उन्हें पता था कि बच्चा बचेगा नहीं। इसी कारण गाड़ी नहीं रोकी। घटनास्थल से भागने के बाद सुषमा अस्पताल के पास एसयूवी रोककर उसका मुआयना किया। कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर हादसे की खबर चली तो पता चला कि जिस बच्चे को टक्कर मारी है वह पुलिस अधिकारी का बेटा है, इसलिए दोनों बचने की फिराक में जुट गए।
फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड (Hit And Run Case) पर लेने की तैयारी कर रही है। अभी उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) और 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।