लखनऊ, 19 अगस्त। Indian Railways Luggage Rules : अगर आप अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं और भारी सामान साथ लेकर चलते हैं, तो अब आपको सतर्क रहने की जरूरत है। भारतीय रेलवे ने एक नई लगेज चेकिंग व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है, जिसमें अब प्रमुख स्टेशनों पर एयरपोर्ट की तर्ज पर यात्रियों के बैग की जांच की जाएगी। यह व्यवस्था उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे द्वारा लखनऊ और प्रयागराज मंडल के कुछ प्रमुख स्टेशनों से शुरू की जा रही है।
क्या है नई व्यवस्था?
रेलवे अब स्टेशनों पर यात्रियों के सामान का वजन और आकार जांचेगा। इसके लिए स्टेशन परिसर में इलेक्ट्रॉनिक लगेज वेट मशीनें लगाई जा रही हैं। लखनऊ नॉर्दर्न रेलवे के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और अनुशासित बनाना है।
नए लगेज नियम-मुफ्त सीमा और शुल्क
श्रेणी | मुफ्त लगेज सीमा | अतिरिक्त छूट (बिना शुल्क) |
---|---|---|
फर्स्ट एसी | 70 किलो | +10 किलो तक फ्री |
सेकेंड एसी | 50 किलो | +10 किलो तक फ्री |
थर्ड एसी/स्लीपर | 40 किलो | +10 किलो तक फ्री |
जनरल/2nd सिटिंग | 35 किलो | +10 किलो तक फ्री |
अगर वजन तय सीमा से अधिक हुआ, तो सामान की बुकिंग करानी होगी और अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। केवल वजन ही नहीं, बल्कि बैग का आकार भी महत्वपूर्ण है। यदि बैग का आकार तय सीमा से अधिक हुआ, तो वजन सीमा में होने पर भी पेनल्टी लग सकती है।
किन स्टेशनों पर लागू होगी व्यवस्था?
नए नियमों को इन प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया जा रहा है:
- लखनऊ चारबाग
- बनारस
- प्रयागराज जंक्शन
- प्रयागराज छिवकी
- सूबेदारगंज
- कानपुर सेंट्रल
- मिर्जापुर
- टूंडला
- अलीगढ़
- गोविंदपुरी
- इटावा
इन स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक लगेज वेट स्कैनर लगाए जा रहे हैं, जो यात्रियों के प्रवेश से पहले ही सामान का मूल्यांकन करेंगे।
नियम तोड़ने पर क्या होगा?
तय सीमा से ज्यादा सामान ले जाने पर पेनल्टी देनी होगी। यदि बिना बुकिंग के भारी सामान पकड़ा गया, तो यात्रियों को फाइन देना होगा और सामान ट्रेन में ले जाने से रोका जा सकता है।
बदलाव का उद्देश्य
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, “कई बार यात्री तय सीमा से अधिक सामान लेकर कोच में अव्यवस्था और सुरक्षा संकट पैदा करते हैं। इस व्यवस्था का उद्देश्य यात्रा को सुगम, सुरक्षित और नियंत्रित बनाना है।”
यह व्यवस्था फिलहाल कुछ स्टेशनों पर लागू की जा रही है, लेकिन धीरे-धीरे इसे देशभर में फैलाया जा सकता है।