IAS BREAKING: IAS Basavaraju S appointed secretary to Chief MinisterIAS BREAKING
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रायपुर, 29 दिसंबर। IPS BREAKING : आय से अधिक संपत्ति मामले में छत्तीसगढ़ के कई आईपीएस अधिकारी केंद्र सरकार की रडार पर हैं। यही कारन है की अब केंद्र उनसे उनके ही संपत्तियों का ब्योरा मांग रहे है। ऐसा न करने पर आईपीएस अधिकारियों को वेतन भुगतान में असुविधा हो सकती है। आपको बता दें कि इस वक्त राज्य में 125 से ज्यादा आईपीएस अधिकारी अलग-अलग जिलों में तैनात हैं।

मालूम हो कि इन दिनों प्रदेश समेत देशभर में कई अधिकारी भ्रष्टाचार, महादेव सट्टा एप और आय से अधिक मामले में संलिप्त नजर आ रहे हैं, ऐसे में उन पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से उनकी संपत्तियों का ब्योरा मांगा गया है।

ऑनलाइन जमा करा सकते हैं ब्यौरा

गृह मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सूचना प्रसारित कर में इस वर्ष के लिए अचल संपत्ति रिटर्न 2023 को मौजूदा nic-e-Mail आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके https://ips.gov.in या https://sprow-ips.eoffice.gov.in पर 31 जनवरी 2024 तक ऑनलाइन दाखिल करना आवश्यक है।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी सूचना में ऑनलाइन अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) भरने की सुविधा के लिए एक ‘उपयोगकर्ता मैनुअल’ का उल्लेख किया गया है,जो स्पैरो (स्मार्ट परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट रिकॉर्डिंग ऑनलाइन विंडो) के मुख्य पेज पर उपलब्ध है। सूचना में कहा गया है कि वर्ष 2023 के लिए अचल संपत्ति रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने के बाद, स्पैरो के तहत पहले से जारी डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का उपयोग करके प्रमाणित किया जाना आवश्यक है। नोट में बताया गया है कि किसी अन्य रूप में दाखिल अचल संपत्ति रिटर्न स्वीकार नहीं किया जाएगा।

अचल सम्पत्ति रिटर्न फाइल करना अनिवार्य

सूचना में बताया गया है कि अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16 के तहत अचल संपत्ति रिटर्न दाखिल करना सभी आईपीएस अधिकारियों के लिए अनिवार्य है, यदि अधिकारी आईपीआर (ऑनलाइन) जमा करने में विफल रहता है। निर्धारित समय सीमा के भीतर, DoPT (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) कार्यालय ज्ञापन संख्या 104/76/2022-AVD.IA दिनांक 28 सितंबर, 2022 के अनुसार उसकी सतर्कता मंजूरी से इनकार कर दिया जाएगा। इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने याद दिलाया कि 30 दिसंबर, 2021 की डीओपीटी अधिसूचना के अनुसार, वेतन मैट्रिक्स में वेतन के अगले स्तर पर नियुक्तियों के लिए समय पर आईपीआर जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा आईपीआर दाखिल करने में देरी को माफ करने के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं किया (IPS BREAKING) जाएगा।