रायपुर, 23 अगस्त। IPS GP Singh की बहाली का रास्ता साफ हो गया। कैट ने पहले ही उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के फैसले को गलत ठकराते हुए बहाल करने का आदेश दिया था। कैट के इस फैसले पर हाईकोर्ट की भी मुहर लग गई है। सिंह की बहाली के मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और गिरीश कठपालिया की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने 30 अप्रैल 2024 को कैट की तरफ से जारी आदेश को सही ठहराया है।
चार हफ्ते के भीतर फिर से नौकरी ज्वाइन के आदेश
बता दें कि 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ सरकार की अनुशंसा पर भारत सरकार ने फोर्सली रिटायर कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ जीपी सिंह कैट की शरण ली। अप्रैल में दिए आदेश में कैट ने जीपी सिंह को चार हफ्ते के भीतर फिर से सर्विस ज्वाईन कराने का आदेश दिया, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं हो पाई तो जीपी सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
5 जुलाई 2021 को हुआ था निलंबित
जिस वक्त IPS GP Singh के ऊपर छापेमारी की कार्यवाही की गई उस वक्त पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में पदस्थ थे। उन्हें 5 जुलाई 2021 को निलंबित कर दिया गया। 8 जुलाई को एसीबी ने उनके खिलाफ राजद्रोह का अपराध दर्ज किया। जिसके खिलाफ जीपी सिंह ने अगले ही दिन 9 जुलाई 2021 को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस बताया। वहीं, आय से अधिक संपति और राजद्रोह के मामले में ईओडब्ल्यू ने उन्हें गुड़गांव से गिरफ्तार किया था। वे लंबे समय तक जेल में रहे। फिर सरकार की सिफारिश पर एमएचए ने उन्हें फोर्सली रिटायर कर दिया था।