बिलासपुर, 14 अक्टूबर। IPS GP Singh : आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य केस की लंबित प्रोसिडिंग हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है। कांग्रेस सरकार ने उनके घर से बरामद किए गए कागजों के आधार पर राजद्रोह का केस दर्ज किया था। एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति और भिलाई में एक्सटॉर्शन का केस दर्ज किया था। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आईपीएस जीपी सिंह पर आईपीसी की धारा 124 के तहत रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में राजद्रोह का केस दर्ज किया था। बता दें कि सिंह को 30 अप्रैल 2024 को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण से भी बड़ी राहत मिली थी। कैट ने चार सप्ताह में उनसे जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल करने के आदेश दिए थे। जुलाई 2023 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
अफसर के खिलाफ इन मामलों में चल रही थी सुनवाई दरअसल, तलाशी के दौरान जीपी सिंह के सरकारी बंगले से कुछ चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थी, जिसकी जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद जीपी के खिलाफ एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था।
भिलाई में एक्सॉर्टशन का केस दर्ज किया गया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट (IPS GP Singh) में याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया था। मई 2024 में याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी थी।