जयपुर, 18 फरवरी। IPS Pankaj Choudhary Demotion : राजस्थान कैडर के आईपीएस अफसर पंकज चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पंकज को राजस्थान की भजनलाल सरकार ने डिमोट यानी पदानवत किया है। पंकज चौधरी राजस्थान के इतिहास के पहले ऐसे आईपीएस अफसर हैं, जिन्हें डिमोट किया गया है।
साल 2009 बैच के अधिकारी पंकज का विवादों से पुराना नाता रहा है। जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक रहते हुए उन्होंने गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट खोलकर तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार की नाराज़गी मोल ली थी और इसका नतीजा ये हुआ कि पंकज को इस पद से रवाना कर दिया गया। ऐसा ही उनकी एसपी बूंदी रहते हुए हुआ था, जब वसुंधरा राजे सरकार ने उन्हें एक सांप्रदायिक दंगे को लेकर वहां से हटा दिया था।
पंकज चौधरी की है दबंग छवि
पंकज चौधरी ने सिर्फ़ तबादलों की सजा ही नहीं झेली बल्कि उन्हें अखिल भारतीय सेवा से बर्खास्त भी किया जा चुका है। अपनी बर्खास्तगी को पंकज चौधरी ने कोर्ट में चुनौती दी थी और फिर वो केस जीतकर वापस आईपीएस सेवा में बहाल हुए थे। पंकज चौधरी अपनी दबंगई और ईमानदार कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं और इसी वजह से उनका नाम भी सुर्खियों में रहता है।पंकज पर एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करने का आरोप लगा था और इस आरोप के कारण उन्हें सेवा से बर्खास्तगी झेलनी पड़ी थी।
अभी किस पद पर हैं पंकज चौधरी?
पंकज चौधरी फ़िलहाल जयपुर में पुलिस अधीक्षक कम्युनिटी पुलिसिंग के पद पर तैनात हैं और राजस्थान के कार्मिक विभाग ने उन्हें पारिवारिक मामले में आरोपी मानकर तीन साल के लिए डिमोट किया है। डिमोशन के बाद पंकज चौधरी का पदनाम अब पुलिस अधीक्षक (लेवल-10) हो गया है। ये लेवल फ्रेश आईपीएस अफसर को ज्वानिंग के समय दिया जाता है।
पंकज चौधरी पिछले कुछ समय से राजस्थान के बहुचर्चित आनंद पाल एनकाउंटर में शामिल एक आईपीएस समेत छह पुलिस अधिकारियों को कोर्ट के फैसले के बावजूद पदोन्नति दिए जाने को लेकर विरोध कर रहे थे। वो लगातार इस एनकाउंटर में शामिल आईपीएस राहुल बारहट को प्रमोशन देने के मामले में लगातार राज्य सरकार और केंद्र को चिट्ठियां भेज रहे थे। बारहट इस समय प्रतिनियुक्ति पर मुंबई (IPS Pankaj Choudhary Demotion) में तैनात हैं।