IPS Shweta Choubey : छत्तीसगढ़ की बेटी बनी उत्तराखंड की शेरनी…! आईपीएस श्वेता चौबे को मिला मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक…यहां देखें VIDEO

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विशेष डेस्क रिपोर्ट IPS Shweta Choubey : स्वतंत्रता दिवस का पर्व देशभर में न केवल आज़ादी की गौरवगाथा को स्मरण करने का दिन होता है, बल्कि यह उन अधिकारियों और कर्मयोगियों को सम्मानित करने का भी अवसर है जिन्होंने अपने कर्तव्यों से समाज और राष्ट्र के लिए मिसाल कायम की है। ऐसे ही नामों में इस वर्ष शामिल हुआ है छत्तीसगढ़ मूल की IPS अधिकारी श्वेता चौबे का, जिन्हें उत्तराखंड सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

छत्तीसगढ़ से उत्तराखंड तक का सफर

IPS श्वेता चौबे का नाम न केवल पुलिस महकमे में बल्कि समाजसेवा, महिला सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता के लिए जाना जाता है। वे छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जन्मीं और पली-बढ़ीं। उनके पिता, दिवंगत IPS विजय शंकर चौबे, छत्तीसगढ़ पुलिस के पूर्व DGP और दो बार राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हो चुके हैं। श्वेता ने अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलते हुए प्रशासनिक सेवा की राह चुनी।

बचपन छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में बिताने के बाद उन्होंने UKPSC (उत्तराखंड लोक सेवा आयोग) की परीक्षा पास की और DSP के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की। समय के साथ वे अपने काम के लिए जानी जाने लगीं और विभागीय पदोन्नति के बाद उन्हें IPS रैंक प्राप्त हुआ।

महिला सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य

श्वेता चौबे का कार्यकाल हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन उन्होंने हर बार अपने साहस, निष्ठा और तेज़ निर्णय क्षमता से सबका दिल जीता। आपदा राहत हो या महिला सुरक्षा उन्होंने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

हाल ही में उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाओं के बाद जब शासन ने विशेष राहत एवं बचाव टीम का गठन किया, तो उसमें भी श्वेता को विशेष जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने मौके पर रहकर राहत कार्यों का नेतृत्व किया।

इसके अतिरिक्त, महिला सुरक्षा को लेकर चलाए गए “ऑपरेशन पिंक” के तहत उनके प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और इसी के लिए उन्हें स्कोच अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।

लगातार मिल रहे राष्ट्रीय सम्मान

26 जनवरी 2025 को उन्हें उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था।

15 अगस्त 2025 को उत्तराखंड सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से नवाजा।

गौरव की बात छत्तीसगढ़ के लिए

श्वेता चौबे की उपलब्धियां न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत हैं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि राज्य की बेटी आज दूसरे राज्य में अपनी पहचान का झंडा बुलंद कर रही है। एक राज्य की बेटी जब दूसरे राज्य में “शेरनी” के नाम से पहचानी जाती है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रतिभा और समर्पण की कोई सीमा नहीं होती।

सम्मान के पीछे समर्पण की कहानी

श्वेता चौबे का यह सम्मान (IPS Shweta Choubey) न केवल एक पदक की प्राप्ति है, बल्कि यह उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने कर्म और कर्तव्य से देश का नाम रोशन कर रही हैं। छत्तीसगढ़ की माटी से निकली यह बेटी आज उत्तराखंड की सरहदों पर कानून, सेवा और सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है और आने वाले वर्षों में उनसे कई और उपलब्धियों की उम्मीद की जा सकती है।