नई दिल्ली, 20 फरवरी। IRDAI Order Regarding Insurance Premium : भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को बैंक अकाउंट में ब्लॉक अमाउंट के जरिए समर्थित बीमा आवेदन की सुविधा प्रदान करने के लिए कहा है। ये एक ऐसी सुविधा है जिसमें पॉलिसीहोल्डर अपने बैंक खाते में प्रीमियम की राशि को ‘ब्लॉक’ कर सकता है और जब पॉलिसी जारी होती है तो वो राशि खाते से अपने आप ही कट जाती है।
ये ठीक वैसे ही है जैसे आईपीओ के लिए आवेदन करते समय राशि ‘ब्लॉक’ की जाती है और रकम तभी कटती है जब आईपीओ का आवंटन होता (IRDAI Order Regarding Insurance Premium)है। इरडा (IRDAI) के मानदंडों के अनुसार, ग्राहक को दिए गए प्रस्ताव की स्वीकृति के फैसले के बारे में सूचना देने के बाद ही प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा।
UPI OTM के जरिए मिलती है सुविधा
UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) वन टाइम मैंडेट (ओटीएम) सुविधा यूजर्स को विशिष्ट लेनदेन के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि को ‘ब्लॉक’ करने की अनुमति देती है। इस व्यवस्था में वास्तविक भुगतान किए बिना पैसों की उपलब्धता सुनिश्चित होती (IRDAI Order Regarding Insurance Premium) है। इरडा ने प्रीमियम के भुगतान के सुचारू लेनदेन की सुविधा के मकसद से कहा कि बीमा कंपनियां यूपीआई-ओटीएम का इस्तेमाल कर सकती हैं और इसके लिए वे सक्षम हैं।
इसमें कहा गया, ‘‘खाते में ‘ब्लॉक’ राशि के जरिए समर्थित बीमा आवेदन की सुविधा के तहत, संभावित ग्राहक से बीमाकर्ता को पैसों का ट्रांसफर सिर्फ तभी होता है जब बीमा पॉलिसी जारी की जाती है।’’ इरडा ने कहा कि बीमाकर्ताओं को समय-समय पर एनपीसीआई द्वारा निर्धारित सीमा तक प्रीमियम को ब्लॉक करने के लिए बीमा-एएसबीए व्यवस्था का उपयोग करने की अनुमति है।
1 मार्च तक शुरू करने के आदेश
इसमें कहा गया, ‘‘बीमाकर्ताओं को जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए अपने संभावित ग्राहकों को बीमा-एएसबीए सुविधा प्रदान करना अनिवार्य है।’’ वर्तमान में ये सुविधा व्यक्तिगत पॉलिसीधारकों को दी जा रही है।’’ बीमा कंपनियों को 1 मार्च तक इसे शुरू करने और बीमा-एएसबीए सुविधा देने के लिए कहा गया (IRDAI Order Regarding Insurance Premium)है। नियामक ने ये भी कहा कि बीमाकर्ताओं को कई बैंकों के साथ साझेदारी करनी चाहिए और उचित व्यवस्था और प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
यूपीआई-ओटीएम सेवा कई मामलों में उपयोगी है। इसके तहत ग्राहक तत्काल डेबिट के बिना राशि को ‘ब्लॉक’ को अधिकृत करना पसंद करते हैं। इससे लेनदेन की प्रक्रिया आसान हो जाती है। शेयर बाजार में एएसबीए या यूपीआई के माध्यम से राशि को ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा का उपयोग खुदरा निवेशक व्यापक रूप से करते हैं।