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नई दिल्‍ली, 18 सितंबर। J&K Election Phase-1 : जम्मू कश्मीर में आज 10 साल बाद विधानसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत सुबह 7 बजे से होगी। पहले दौर में यहां की 24 सीटों के लिए मतदाता मतदान करेंगे। इस चरण में 24 सीटों पर कुल 219 उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। पहले दौर में कश्मीर घाटी की 16 सीटों जबकि जम्मू संभाग की आठ सीटों के लिए मतदान है। इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी।

बिजबिहाड़ा: जम्मू कश्मीर की सबसे चर्चित सीट में बिजबिहाड़ा शामिल हैं। अनन्तनाग जिले में पड़ने वाली बिजबिहाड़ा सीट से जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा चुनाव लड़ रही हैं। यह सीट कभी मुफ्ती परिवार का गढ़ मानी जाती रही है। मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनावी राजनीति में उतरी है। इल्तिजा मुफ्ती अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। बिजबिहाड़ा सीट पर भाजपा की तरफ से घाटी के वरिष्ठ नेता सोफी मोहम्मद यूसुफ प्रत्याशी हैं, जो परंपरागत रूप से पहलगाम से चुनाव लड़ते रहे हैं। हालिया परिसीमन के बाद पहलगाम के कुछ गांव बिजबिहाड़ा सीट में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा बशीर अहमद शाह वीरी जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से उम्मीदवार हैं जिसका कांग्रेस के साथ गठबंधन है।
पिछले चुनाव में बिजबिहाड़ा से महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के अब्दुल रहमान भट जीते थे। 2014 के चुनाव में भट ने नेकां के बशीर अहमद शाह को 2868 मतों से शिकस्त दी थी।

किश्तवाड़

यह सीट भी जम्मू कश्मीर के चुनाव में काफी चर्चा में है। केंद्र की सत्ताधारी भाजपा ने यहां से आतंकी हमले में पिता-चाचा को खोने वाली शगुन परिहार को मैदान में उतारा है। शगुन भाजपा के दिग्गज नेता रहे अनिल परिहार की भतीजी हैं। अनिल जम्मू कश्मीर भाजपा के सचिव थे। नवंबर 2018 में किश्तवाड़ में आतंकियों ने शगुन के पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की हत्या कर दी थी। हाल ही में डोडा जिले में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने विशेष तौर पर किश्तवाड़ से प्रत्याशी शगुन परिहार का जिक्र किया था। पीएम ने कहा, ‘भाजपा ने आतंकवाद की शिकार इस बेटी को टिकट दिया है। बेटी शगुन सिर्फ पार्टी की उम्मीदवार नहीं है बल्कि आतंकवाद को खत्म करने के भाजपा के इरादों की जीती जागती तस्वीर हैं।’

किश्तवाड़ सीट पर भाजपा की शगुन परिहार का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद अहमद किचलू और पीडीपी के फिरदौस अहमद टाक से है। पिछले चुनाव में यहां भाजपा के सुनील कुमार शर्मा को सफलता मिली थी। सुनील ने नेकां के प्रत्याशी सज्जाद अहमद किचलू को 2852 वोटों से हराया था।
डूरू: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले की डूरू सीट भी इस चुनाव में खास है। इस सीट से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर चुनाव लड़ रहे हैं। मीर डूरू सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डूरू से ही जम्मू कश्मीर में चुनावी अभियान की शुरुआत रैली से की थी। इस सीट पर गुलाम अहमद मीर के सामने पीडीपी से मोहम्मद अशरफ मलिक उतरे हैं। पिछले चुनाव में यहां पीडीपी के सैयद फारूक अहमद अंद्राबी को सफलता मिली थी। अंद्राबी को कांग्रेस के प्रत्याशी गुलाम अहमद मीर के सामने महज 161 वोटों से जीत मिली थी।

पाडर नागसेनी

किस्तवाड़ जिले की पाडर नागसेनी सीट भी पहले चरण में खास है। यह सीट हालिया परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई है। पाडेर नागसेनी से भाजपा ने पूर्व मंत्री सुनील शर्मा को उतारा है। कश्मीरी पंडित समुदाय से आने वाले सुनील जम्मू-कश्मीर सरकार में बिजली विभाग के कैबिनेट मंत्री और राजस्व विभाग में राज्य मंत्री के पद पर रह चुके हैं। पाडर नागसेनी सीट पर सुनील के सामने नेकां की पूजा ठाकुर और पीडीपी के संदेश कुमार हैं।

पुलवामा

यह सीट भी पहले चरण में शामिल है। पुलवामा सीट से पीडीपी ने युवा नेता वहीद उर रहमान पारा को मैदान में उतारा है। पारा ने श्रीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे नेकां से चुनाव हार गए थे। पारा का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद खलील बंद से है। पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक मोहम्मद खलील बंद 2019 में पार्टी से इस्तीफा देकर नेकां में शामिल हो गए थे। खलील बंद 2002, 2008 और 2014 में तीन बार पुलवामा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2014 में खलील बंद ने नेकां के गुलाम नबी वानी को 1032 वोटों से हराया था।

इन अहम उम्मीदवारों पर भी रहेगी नजर
कश्मीर में अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में माकपा के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, नेकां की सकीना इटू और पीडीपी के सरताज मदनी और अब्दुल रहमान वीरी शामिल हैं। तारिगामी कुलगाम सीट से लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। तारिगामी को सयार अहमद रेशी जैसे उम्मीदवार का सामना करना पड़ रहा है। सकीना दमहाल हाजीपोरा सीट से एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। पीडीपी के सरताज मदनी (देवसर) और अब्दुल रहमान वीरी (शंगस-अनंतनाग) भी अहम उम्मीदवार हैं, जिन पर नजर रहेगी।

जम्मू में पूर्व मंत्री सज्जाद किचलू (नेकां), खालिद नजीद सुहरवर्दी (नेकां), विकार रसूल वानी (कांग्रेस), अब्दुल मजीद वानी (डीपीएपी) और शक्ति राज परिहार (भाजपा) भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा तीन बार विधायक रहे गुलाम मोहम्मद सरूरी डीपीएपी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद निर्दलीय उतरे हैं। सरूरी दो साल पहले गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़कर डीपीएपी में शामिल हुए थे।

साख दाव पर

पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार (भाजपा), पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक और इम्तियाज शान (पीडीपी), नेकां की पूजा ठाकुर (जिला विकास परिषद किश्तवाड़ की अध्यक्ष) और आप के मेहराज दीन मलिक अन्य प्रमुख चेहरों में शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने के बावजूद दोनों पार्टियों ने कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसमें बनिहाल, भद्रवाह और डोडा में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। बागी नेकां नेता प्यारे लाल शर्मा इंदरवाल से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के दो बागी नेता राकेश गोस्वामी और सूरज सिंह परिहार भी रामबन और पडार-नागसेनी सीटों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

पहले चरण में इन 24 सीटों पर है मतदान

सीटजिला
अनंतनागअनंतनाग
अनंतनाग पश्चिमअनंतनाग
बनिहालरामबन
भद्रवाहडोडा
डी.एच. पोराकुलगाम
देवसरकुलगाम
डोडाडोडा
डोडा पश्चिमडोडा
डूरूअनंतनाग
इंद्रवलकिश्तवाड़
किश्तवाड़किश्तवाड़
कोकेरनाग (ST)अनंतनाग
कुलगामकुलगाम
पाडर-नागसेनीकिश्तवाड़
पहलगामअनंतनाग
पांपोरपुलवामा
पुलवामापुलवामा
राजपोरापुलवामा
रामबनरामबन
शंगस-अनंतनाग पूर्वअनंतनाग
शोपियांशोपियां
श्रीगुफवारा-बिजबिहाड़ाअनंतनाग
त्रालपुलवामा
जैनापोराशोपियां