रायपुर, 27 मार्च। Kawasi Lakhma : लोकसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। जमकर अंर्तकलह देखने को मिल रहा है। नेता चुनाव छोड़ आपस में उलझे हुए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फिर लेटर बम फूटा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बाद अब पूर्व मंत्री और जगदलपुर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा निशाने पर हैं। चुनाव के ऐन वक्त लखमा की मुसीबत बढ़ गई है। उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवनारायण द्विवेदी ने पत्र लिखकर लखमा की जगह दूसरे नेता को प्रत्याशी बनाने की मांग की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे खत में द्विवेदी ने कहा है कि लखमा झीरम मामले में संदिग्ध हैं। साथ ही ईओडब्ल्यू केस में शराब घोटाले मामले में 50 लाख रुपए महीने लेने का आरोप लगा है। ऐसे में लखमा की जगह किसी अन्य कांग्रेस नेता को प्रत्याशी बनाया जाना चाहिये। शिवनारायण द्विवेदी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वो झीरम घाटी कांड में बाल-बाल बचे थे। अब द्विवेदी के लिखे पत्र को लेकर पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। इस खबर से पार्टी में खलबली मच गई है। होली के समय द्विवेदी ने कांग्रेसियों के रंग में भंग डालने का काम किया है।
उनके पत्र पर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी में कभी-कभी कार्यकर्ताओं में नाराजगी होती है। उनकी भावनाएं आहत होती हैं। वर्तमान में हमें एकजुट होकर बीजेपी से लड़ना है और पार्टी ने जिसे टिकट दिया है, वही चुनाव लड़ेगा। छोटी-मोटी नाराजगी चलती रहती है। सबको एकजुट होकर चुनाव में कार्य करना है।
लखमा ने होलिका दहन के दौरान बांटे पैसे
इससे पूर्व होलिका दहन के दौरान पैसे बांटने के मामले में वीडियो वायरल होने के बाद लखमा (Kawasi Lakhma) पर FIR दर्ज की गई है। इस संबंध में केदारनाथ गुप्ता ने पुलिस में शिकायत कर एफआईआर दर्ज करवाई है। अब पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। वहीं बीजेपी चुनाव आयोग से शिकायत कर लखमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी। बीजेपी ने संजय श्रीवास्तव ने तंज कसते हुए कहा कि खुलेआम नोट बांटने का मामला साबित करता है कि लखमा के पास दो हजार करोड़ के शराब घोटाले की मोटी रकम पहुंच चुकी है। जिसे बांटकर वे लोकसभा चुनाव में अपनी जीत तय करना चाहते हैं, लेकिन भाजपा उनके मंसूबों को कामयबा नहीं होने देगी। लखमा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि चढ़ावा और नोट बांटने में फर्क है। लखमा सनातन धर्म का पाठ हमें ना पढ़ाए।