कोरबा, 11 मार्च। Korba Nigam : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह ने कोरबा निगम में सभापति चुनाव की जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई है, जो सप्ताह भर में अपनी रिपोर्ट देगी। जिसमें संयोजक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और दो सदस्यों में बस्तर संभाग प्रभारी रजनीश सिंह और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्रीनिवास राव मद्दी शामिल हैं।
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त्रिकोणीय मुकाबले में हुई नूतन की जीत
बता दें कि, 67 पार्षदों वाले नगर पालिक निगम कोरबा में निकाय चुनाव के दौरान भाजपा को लैंडस्लाइड विक्ट्री मिली। महापौर के साथ ही 45 पार्षद विजयी हुए। बहुमत के आधार पर भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही थी।लेकिन शनिवार को इस चुनाव के दौरान जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।
क्रॉस वोटिंग में हुई भाजपा को नुकसान
सभापति का चुनाव लड़ रहे एक बागी ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को पटखनी दे दी और नाटकीय घटनाक्रम में एक बागी ने सभापति का पद अपने नाम कर लिया। नतीजे आते ही भाजपा की जमकर किरकिरी हुई। यह बात खुल चुकी थी कि संगठन ने जिस पार्षद का नाम सभापति के लिए तय किया था, उसे नकारते हुए क्रॉस वोटिंग हुई और इसका नुकसान भाजपा को झेलना पड़ा। सभापति चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से पुरंदर मिश्रा को पर्यवेक्षक बनाया गया था। परिणाम आते ही सबसे पहले मिश्रा को मौके से तत्काल रवाना होना पड़ा।
ज्ञात हो कि, कोरबा में महापौर के बाद नगर पालिक निगम में सबसे महत्वपूर्ण पद सभापति का होता है। पक्ष विपक्ष दोनों ही इस पद को अपने पाले में करने के लिए जोड़ तोड़ कर प्रयासरत थे।
कोरबा नगर निगम में कुल 67 पार्षद हैं। यही 67 पार्षद और 1 महापौर मिलकर सभापति को चुनते हैं। जो आने वाले 5 सालों तक निगम की सभाओं की अध्यक्षता करते हैं। निकाय चुनाव के बाद 67 में से 45 पार्षद बीजेपी के जीत कर आए थे, जबकि 11-11 पार्षद कांग्रेस और निर्दलीय हैं।
