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नई दिल्ली, 27 अप्रैल। List of Star Campaigners : महाराष्ट्र कांग्रेस को एक और झटका लगा है। स्टार प्रचारकों में शामिल नसीम खान ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर, प्रचार अभियान समिति से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा राज्य में किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई है। इस पत्र के सामने आने के बाद यह भी कहा जा रहा है महाराष्ट्र कांग्रेस और एमवीएम के बीच अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक और तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल कांग्रेस पार्टी में मुस्लिम नेताओं की नाराजगी बढ़ने लगी है। पहले बाबा सिद्दीकी और पूर्वी सीएम एआर अंतुले के दामाद मुश्ताक अंतुले ने पार्टी छोड़ी। वहीं अब पूर्व मंत्री मोहम्मद आरिफ उर्फ नसीम खान जल्द ही बड़ा फैसला ले सकते हैं। दरअसल नसीम खान मुंबई के उत्तर मध्य सीट से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। इस बाबत उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस पार्टी की तरफ से दो महीने पहले बोला गया था कि तुम मुंबई की उत्तर मध्य सीट से चुनाव की तैयारी करो। मैंने टिकट नहीं मांगा था, लेकिन आखिरी मौके पर किसी और को टिकट दे दिया गया। मुझे इस बात की नाराजगी भी है और दुख भी है।

कांग्रेस में मुसलमानों की नाराजगी

इस बाबत नसीम खान ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने इस पत्र में लिखा, ‘लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए स्टार चुनाव प्रचारकों की लिस्ट में शामिल करने के लिए धन्यवाद। लेकिन मैं यह सूचित करना चाहता हूं कि तीसरे, चौथे और पांचवें चरण के लिए मैं पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि कुल 48 लोकसभा सीटों में से महाविकास अघाड़ी की तरफ से 1 मुसलमानों को भी सीट नहीं दिया गया। इससे कांग्रेस और एमवीए को वोटर्स पर असर पड़ेगा। इसका असर मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी पड़ेगा।’

आलाकमान को जताऊंगा नाराजगी

उन्होंने कहा कि मैं नाराज हूं और अपनी नाराजगी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से जताऊंगा। मैं 5 बार मंत्री रहा हूं। जहां भी कांग्रेस को जरूरत रही है, दूसरे राज्यों में प्रचार करने के लिए गया हूं। मैंने पार्टी के वफादार कार्यकर्ता की तरह काम किया है। पर अब इस घटना से दुखी हूं। कांग्रेस नेतृत्व पार्टी के भलाई के लिए निर्णय क्यों नहीं ले पा रहा है। टिकट बंटवारे में मुस्लिम समाज को दरकिनार क्यों किया गया। इसके बारे में पार्टी आलाकमान को सोचना चाहिए। मुसलमानों से यह बेरुखी का फायदा ओवैसी या प्रकाश अंबेडकर जैसे नेता ले सकते हैं। इसके बारे में आलाकमान को सोचना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि, कई मुस्लिम संगठन, नेता और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस से उम्मीद थी कि वह कम से कम 1 उम्मीदवार को टिकट देंगी, लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं शामिल किया है। अब वह पूछ रहे हैं कि “कांग्रेस को मुस्लिम वोट चाहिए तो उम्मीदवार क्यों नहीं” और मैं कांग्रेस पार्टियों के इस अनुचित निर्णय से भी परेशान हूं।