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दिल्ली, 27 जनवरी। Live In Reletionship With Brother : दिल्ली पुलिस ने एक खौफनाक प्रेम कहानी और हत्या का मामला सुलझा लिया है। भाई के साथ लिव इन में रह रही युवती की गला दबाकर हत्या कर दी गई फिर उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे सूटकेस में बंद कर जला दिया गया। गाजीपुर की इस खौफनाक घटना को अंजाम देने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि मृतक युवती का ही चचेरा भाई निकला।

उसका नाम अमित तिवारी है और मृतक युवती का नाम शिल्पा पांडे है। पुलिस ने इस मर्डर मामले में आरोपी अमित तिवारी और उसके दोस्त अनुज को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पूर्वी दिल्ली डीसीपी अभिषेक धनिया ने जो खुलासे किए हैं उसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।

चेचेरे भाई के साथ लिव-इन में रहती थी शिल्पा

डीसीपी ने बताया कि जिस युवती की मौत हुई है, उसका नाम शिल्पा पांडे है और उसकी उम्र महज 22 साल की (Live In Reletionship With Brother)थी। वह अपने पांडे चचेरे भाई अमित तिवारी के साथ पिछले एक साल से लिव इन रिलेशन में थी और उसके बाद शिल्पा अमित पर शादी करने के लिए दबाव बना रही थी।

सबसे बड़ी बात ये है कि साथ में रहने वाला अमित शिल्पा से किसी तरह से छुटकारा पाना चाह रहा था। दोनों के बीच इसी बात को लेकर 25 जनवरी को झगड़ा हुआ था, उस वक्त अमित काफी नशे में था। उसने गुस्से में शिल्पा का गला घोंट दिया और फिर लाश को ठिकाने लगाने की तरकीब सोचने लगा। उसने अपने दोस्त पेशे से कैब ड्राइवर अनुज को फोन किया।

26 जनवरी को कर दिया काम तमाम

अमित को कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करे, वह शिल्पा के शव को पश्चिमी यूपी के किसी इलाके में ठिकाने लगाना चाहता (Live In Reletionship With Brother)था। अमित अपनी ह्युंडई वर्ना कार से अनुज के साथ जगह की रेकी करने निकला जहां उसे शव दफनाना था।

दोनों की पुलिस ने दो जगहों पर चेकिंग भी की क्योंकि 26 जनवरी की वजह से हाई अलर्ट था। इसके बाद अमित ने आसपास ही शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया और उसने गाजीपुर से एक पेट्रोल पंप से 160 रुपए का डीजल लिया।

पुलिस ने बताई ये बात

शिल्पा के शव को उसने सूटकेस में पैक किया और गाजीपुर में सुनसान जगह पर सूटकेस फेंककर 26 जनवरी की सुबह करीब 1:45 बजे उसमें आग लगा दी। इस पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद अमित ने अनुज को छोड़ा और खुद ग्रेटर नोएडा चला गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने इसे वहीं से गिरफ्तार किया है। अमित तिवारी अपने घर प्रयागराज भागने की फिराक में था।

हमें हत्या की जानकारी सुबह 4:10 बजे मिली, जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, डेड बॉडी सूटकेस में पूरी तरह से जल चुकी थी। उसमें कुछ नहीं बचा था। इस मा्मले में गाजीपुर थाने में हत्या और सबूत मिटाने का केस दर्ज किया गया और जांच के लिए कई टीम बनाई गई।

सीसीटीवी फुटेज से खुला राज

पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में हमारे पास कोई क्लू नहीं था जिससे हम अपराधी की तलाश कर पाते। हमें तो बस एक जला हुआ सूटकेस और जला हुआ शव मिला था। सीसीटीवी से 20 से 25 गाड़ियों की मूवमेंट की जांच की गई जिसमें एक यूपी नंबर ह्युंडई वर्ना गाड़ी संदिग्ध (Live In Reletionship With Brother)मिली। गाड़ी लोनी के एक शख्स के नाम से रजिस्टर्ड थी।

लोनी में जब उस शख्स से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि गाड़ी अमित तिवारी नाम के शख्स को उसने बेच दी है। इसके बाद अमित तिवारी के बारे में जानकारी मिली और फिर पूरी घटना का पर्दाफाश हुआ। अधिकारी के मुताबिक शिल्पा के माता पिता सूरत में रहते हैं।