Lunar Eclipse : साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण…! भारत में दिखाई देगा…पूर्णिमा पर भी लगेगा ‘ब्लड मून’…यहां देखें समय और सावधानियां

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डेस्क रिपोर्ट, 19 अगस्त। Lunar Eclipse : इस साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि पर साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यही पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत भी होती है। इस दिन चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है।

सूतक काल में न करें ये गलतियां

यह एक ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसी कारण इस बार इसका सूतक काल भी मान्य रहेगा। आइए जानते हैं कि भारतीय समयानुसार इस चंद्र ग्रहण का समय क्या रहेगा और इसके सूतक काल में कौन सी गलतियां करने से आपको बचना है।

चंद्र ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार)

ग्रहण आरंभ: रात 9:58 बजे

ग्रहण समाप्ति: रात 1:26 बजे (8 सितंबर)

सूतक काल का समय

सूतक प्रारंभ: दोपहर 12:57 बजे (7 सितंबर)

चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए सूतक काल मान्य रहेगा।

सूतक काल में क्या न करें?

  1. मंदिरों में पूजा-पाठ बंद रहता है।
  2. मूर्तियों को स्पर्श न करें।
  3. भोजन पकाना, खाना या भोजन परोसना वर्जित होता है।
  4. खाने में तुलसी के पत्ते डालकर सुरक्षित करें।
  5. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
  6. धारदार या नुकीले औज़ारों से काम न करें।
  7. धार्मिक अनुष्ठान न करें, सिर्फ मंत्र-जप और ध्यान करें।

पितृपक्ष का आरंभ और सावधानी

इस दिन पितृपक्ष की शुरुआत भी हो रही है। इसलिए परंपरागत रिवाज जैसे श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि को सूतक काल लगने से पहले ही पूरा कर लें।

वैज्ञानिक कारण

जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह आ जाता है और सूर्य की सीधी रोशनी उस पर नहीं पड़ती, तब वह लाल रंग का दिखाई देता है। इसी खगोलीय घटना को ब्लड मून कहते हैं। चंद्र ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई करें, स्नान करें और मंदिरों में पुनः पूजा-अर्चना करें। याद रखें, ग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं, भारतीय संस्कृति में इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है।

तारीख: 7 सितंबर 2025
ग्रहण समय: रात 9:58 बजे से लेकर 1:26 बजे (8 सितंबर की रात तक)
ग्रहण प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहण (ब्लड मून)
दृश्यता: भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।