भिलाई, 03 सितंबर। Mahabharata on Nails : छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर से एक बार फिर कला की दुनिया में ऐसा नाम उभरा है, जिसने देश ही नहीं, दुनिया को अपनी सूक्ष्म कला से चकित कर दिया है। सूक्ष्मकला के जादूगर डॉ. अंकुश देवांगन ने भगवान श्री गणेश की ऐसी अद्वितीय प्रतिमा तैयार की है, जो एक चना दाने के बराबर है और जिसे उन्होंने अपने ऊंगली के नाखून पर स्थापित किया है।
इस प्रतिमा में भगवान गणेश महाभारत की गाथा लिखते नजर आ रहे हैं। मूर्ति इतनी सूक्ष्म है, फिर भी सभी अवयव अत्यंत स्पष्ट हैं, भगवान की आंखें, सूंड, हाथों में कलम और मोदक, और गोद में महाभारत की पुस्तक, हर तत्व बारीकी से तराशा गया है।
पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा
डॉ. अंकुश देवांगन सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों से जुड़े एक संवेदनशील सृजनशील व्यक्तित्व भी हैं। वे कहते हैं कि गणेश प्रतिमाओं के बड़े पैमाने पर विसर्जन से जल प्रदूषण होता है, जिससे प्रकृति को नुकसान पहुंचता है। इसी संदेश को समाज तक पहुँचाने के लिए वे सूक्ष्म मूर्तियों का निर्माण करते हैं, ताकि कला और आस्था के बीच पर्यावरण संरक्षण का संतुलन बना रहे।
सिर्फ सूक्ष्म नहीं, भव्यता में भी निपुण
भले ही सूक्ष्म कला में उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिल चुका है, लेकिन उनकी कला सिर्फ छोटे आकार तक सीमित नहीं है। वे भव्य मूर्तियों और स्थायी कलाकृतियों के भी सर्जक हैं।
राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की पहचान
ललित कला अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, नई दिल्ली में डॉ. अंकुश देवांगन छत्तीसगढ़ के पहले बोर्ड सदस्य बने हैं। यह उपलब्धि न केवल उनकी कला के प्रति समर्पण को दर्शाती है, बल्कि प्रदेश के लिए भी गौरव का विषय है।
डॉ. अंकुश देवांगन की यह सूक्ष्म प्रतिमा केवल एक कलाकृति नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, चेतना और कला की पराकाष्ठा का प्रतीक है। उनके जैसे कलाकार ही आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाते हैं कि कलात्मक अभिव्यक्ति के साथ प्राकृतिक संरक्षण भी संभव है। भिलाई की धरती से निकला यह नाम आज कला जगत में मिसाल बन (Mahabharata on Nails) चुका है।
कुछ प्रमुख कृतियाँ
- कृष्ण-अर्जुन रथ, सिविक सेंटर, भिलाई
- पंथी चौक, रूआबांधा
- नटराज, भिलाई निवास
- श्रमवीर चौक, सेक्टर-1
- प्रधानमंत्री ट्राफी चौक, बोरिया गेट
- एथिक्स पार्क, सुनीति उद्यान
- विश्व का सबसे बड़ा लौहरथ, दल्ली राजहरा
- पुरखौती मुक्तांगन, रायपुर
- सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेला, हरियाणा
- दुर्गापुर स्टील प्लांट, पश्चिम बंगाल