Mahadev Betting App Case: New twist…! Cash courier said - did not deliver 'cash' to any politician...does not understand English...forced to sign...listenMahadev Betting App Case
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रायपुर, 26 नवंबर। Mahadev Betting App Case : महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में नया मोड़ आ गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाने वाला शख्स अब अपने बयान से पलट गया है। असीम दास का दावा है कि उसने किसी राजनेताओं को कोई नकदी नहीं पहुंचाई है। उसे फंसाया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय ED ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले 3 नवंबर को असीम दास नाम के शख्स को 5 करोड़ रुपये से अधिक नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। ED ने कहा कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों ने CM बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए थे।

हस्ताक्षर के लिए किया मजबूर : असीम दास

चुनाव के बाद असीम दास ने ऐसे किसी भी आरोपों से इनकार कर दिया है। जेल से ED के निदेशक को लिखे लेटर में दास ने कहा कि “उसे फंसाया जा रहा है। अधिकारियों ने उसे अंग्रेजी में लिखे एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जबकि वह अंग्रेजी नहीं समझता है।”

वकील अल्वी ने कहा कि उन्होंने अदालत से पत्र को केस रिकॉर्ड के हिस्से के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया। दास ने अपने पत्र में कहा कि बचपन के दोस्त शुभम सोनी द्वारा बुलाए जाने के बाद वह इस साल अक्टूबर में 2 बार दुबई गए थे।उन्होंने कहा, यात्राओं की व्यवस्था सोनी ने की थी। वहीं, ईडी के अनुसार, सोनी इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक है।

सड़क पर गाड़ी में किसी ने रखा कैश से भरा बैग : वकील

अल्वी ने कहा कि असीम दास ने अपने पत्र में कहा कि शुभम सोनी छत्तीसगढ़ में एक कारोबार शुरू करना चाहता था और उसने दास को इसके लिए कैश की व्यवस्था करने का वादा किया। साथ ही उसके लिए काम करने को कहा। जिस दिन उसे गिरफ्तार किया गया, उस दिन दास को रायपुर एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ी एक कार लेने और रायपुर में वीआईपी रोड पर एक होटल में चेक-इन करने के लिए कहा गया था। बाद में उन्हें सड़क पर गाड़ी पार्क करने के लिए कहा गया, जहां एक व्यक्ति ने कैश से भरा बैग कार में रखा और चला गया।

अल्वी ने कहा कि असीम दास ने पत्र में दावा किया था कि मुझे फोन पर अपने होटल के कमरे में वापस जाने के लिए कहा गया और कुछ देर बाद ईडी के अधिकारी मेरे कमरे में आए और मुझे अपने साथ ले गए। दास ने कहा कि बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे फंसाया जा रहा है। मैंने कभी भी किसी राजनीतिक नेता या कार्यकर्ता (Mahadev Betting App Case) को पैसे या कोई अन्य सहायता नहीं दी है।

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