बेंगलुरु, 25 सितंबर। Mahalakshmi Murder Case : बेंगलुरु में फ्रिज के अंदर 29 साल की महालक्ष्मी की लाश मिली, वो भी 59 टुकड़ों में। बेहद खौफनाक मंजर था। अब पुलिस के हाथ कातिल का सुराग लग चुका है। पुलिस के मुताबिक, कातिल ने बेंगलुरु छोड़कर भागने से पहले अपने भाई के सामने कहा था कि उसी ने महालक्ष्मी का कत्ल किया है। अब कातिल को पकड़ने के लिए बेंगलुरु पुलिस की टीमें पश्चिम बंगाल और ओडिशा भेजी गई हैं। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि लाश के टुकड़े चालीस नहीं बल्कि उससे कहीं ज्यादा थे।
40 नहीं 59 थे लाश के टुकड़े
बेंगलुरु का बॉवरिंग अस्पताल में 21 सितंबर को 29 साल की महालक्ष्मी की टुकड़ों में बंटी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया था। जब मुर्दा घर में कमरे और फ्रिज से बरामद लाश के टुकड़ों की गिनती हुई, तो पता चला क़ातिल ने महालक्ष्मी के 30 से 40 नहीं बल्कि कुल 59 टुकड़े किए थे। एक इंसान के इतने टुकड़े देख कर खुद मुर्दा घर के कर्मचारी तक हैरान थे।बेंगलुरु के अस्पताल में इससे पहले इतने टुकड़ों में बंटी लाश कभी नहीं आई थी।
महालक्ष्मी के कमरे से मिला ट्रॉली बैग
बेंगलुरु के व्यालीकवल इलाके में मौजूद तीन मंजिला घर की पहली मंजिल पर महालक्ष्मी रहा करती थी। महालक्ष्मी के कमरे से 21 सितंबर को फ्रिज और कमरे में बिखरे उसी की लाश के टुकड़े मिले थे। अंदेशा है कि महालक्ष्मी का क़त्ल करीब 19 दिन पहले हुआ था। महालक्ष्मी के कमरे में पुलिस को एक ट्रॉली बैग भी रखा मिला है। बेंगलुरु पुलिस सूत्रों के मुताबिक बहुत मुमकिन है कि कातिल ने लाश के टुकड़ों को उसी बैग में रख कर कहीं बाहर ठिकाने लगाने की साजिश रची थी। पर चूंकि ये इलाका काफी भीड़भाड़ वाला है, इसीलिए उसे लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने का शायद मौक़ा नहीं मिला।
कमरे में ही कत्ल के बाद किए गए लाश के टुकड़े
कमरे की जांच पड़ताल के बाद पुलिस सूत्रों का ये भी मानना है कि क़त्ल उसी कमरे में हुआ और लाश के टुकड़े भी वहीं किए गए। क्योंकि जिस तरह कमरे से बैग में लाश के टुकड़ों को बाहर ले जाना आसान नहीं था, उसी तरह लाश को बाहर से कमरे तक लाना भी मुमकिन नहीं। क्राइम सीन के मुआयने के बाद पुलिस का ये भी कहना है कि क़त्ल और लाश के टुकड़े करने के बाद कमरे और बाथरूम को साफ करने की भी कोशिश की गई थी। पोस्टमार्टम के बाद टुकड़ों में जमा लाश को महालक्ष्मी के घर वालों को सौंप दिया गया। जिसके बाद बेंगलुरु में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया।
कातिल के भाई तक पहुंची पुलिस
अब सबसे बड़ा सवाल कि महालक्ष्मी का क़ातिल कौन है और क़त्ल की वजह क्या है? तो बेंगलुरु पुलिस सूत्रों की मानें तो उन्होंने महालक्ष्मी के क़ातिल को ढूंढ निकाला है। इतना ही नहीं सूत्रों का ये भी दावा है कि जिस कातिल की उन्हें तलाश है, उसका परिवार भी मुंबई में रहता है। उसी क़ातिल के एक भाई तक बेंगलुरु पुलिस पहुंची। कातिल के भाई ने पुलिस को बताया कि महालक्ष्मी के क़त्ल के बाद उसके भाई ने खुद उसे ये बताया था कि उसने महालक्ष्मी की हत्या कर दी है।
सीसीटीवी में कैद हैं कातिल की तस्वीरें
कातिल के भाई की गवाही के अलावा कातिल के बारे में बेंगलुरु पुलिस को CCTV कैमरों से भी काफी अहम सबूत और सुराग़ मिले हैं। जिस व्यालीकवल इलाके में महालक्ष्मी रहा करती थी, उसके घर को आने और जाने वाले रास्तों पर कुछ जगह सीसीटीवी कैमरे लगे थे। उनके कैमरों में भी वो क़ातिल कैद हो चुका था। बेंगलुरु के पुलिस ने कमिश्नर ने खुद ये बात बताई कि पुलिस कातिल की शिनाख्त कर चुकी है और उसे पकड़ने के लिए देश के कई हिस्सों में पुलिस टीमें भेजी गई हैं।
पश्चिम बंगाल का रहनेवाला है कातिल
मिली जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु पुलिस को जिस कातिल की तलाश है वो भी एक हेयर ड्रेसर है। महालक्ष्मी के साथ उसका भी करीबी रिश्ता था। वो हेयर ड्रेसर पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। महालक्ष्मी के क़त्ल के बाद वो भुवनेश्वर होते हुए इस वक़्त पश्चिम बंगाल में ही कहीं छुपा हुआ है।
पुलिस ने अशरफ को पूछताछ के बाद छोड़ा
हेमंत की शिकायत के बाद पुलिस ने अशरफ की तलाश की। अशरफ बेंगलुरु में ही था और अपने काम पर था। पुलिस उसे थाने लाई और लंबी पूछताछ की। उसके बयान पिछले 20 दिनों में उसकी लोकेशन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और चश्मदीदों की गवाही के बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद अशरफ को छोड़ दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक महालक्ष्मी के क़त्ल से अशरफ का कोई संबंध नहीं है। बल्कि असली क़ातिल इस वक्त बंगाल में है।
19 अगस्त को परिवार से आखिरी बार मिली थी महालक्ष्मी
दरअसल, महालक्ष्मी का परिवार है तो नेपाल से, लेकिन पिछले 35 सालों से वो बेंगलुरु में रहते हैं। एक ही शहर में रहने के बावजूद महालक्ष्मी की अपनी मां-बहन या भाई के साथ उतनी करीबी नहीं थी. 9 महीने पहले पति हेमंत दास से अलग होने के बाद महालक्ष्मी अपनी मां या बहन के साथ रहने के बजाय किराये के घर में अकेली रह रही थी। पुलिस इस बात भी हैरान थी कि महालक्ष्मी की अपने परिवार से आखिरी बार मुलाकात राखी के मौके पर 19 अगस्त को हुई थी।
19 दिनों तक फ्रिज में थे लाश के टुकड़े
इस बीच कमरे से बरामद उस फ्रिज को भी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब पहुंचा दिया गया है। महालक्ष्मी का केस 2022 के श्रद्धा केस से काफी मिलता जुलता है। महालक्ष्मी के क़त्ल के बाद 19 दिनों तक लाश के टुकड़े फ्रिज में थे। दिल्ली में श्रद्धा का क़त्ल 18 मई 2022 को हुआ था। जबकि क़त्ल का खुलासा नवंबर में हुआ था। क़त्ल के बाद आफताब करीब महीने भर तक किश्तों में फ्रिज से निकाल निकाल कर लाश के टुकड़ों को जंगलों में ठिकाने लगाता रहा।
महालक्ष्मी शादीशुदा थी, लेकिन पति से अलग रह रही थी। श्रद्धा बिना शादी के आफताब के साथ रह रही थी। श्रद्धा के किसी और साथ रिश्ते को लेकर आफताब को शक था। यहां महालक्ष्मी केस में उसके पति हेमंत को उसके अफयेर का शक था। लेकिन ये शक महालक्ष्मी के क़त्ल की वजह बनी या वजह कुछ और है, इसका खुलासा तभी होगा, जब क़ातिल पुलिस की गिरफ्त में होगा.
हालांकि आफताब की तरह महालक्ष्मी के केस (Mahalakshmi Murder Case) में फिलहाल पुलिस ने उसके पति हेमंत दास को एक तरह से क्लीन चिट दे दी है। यानी वो अपनी पत्नी का कातिल नहीं है। श्रद्धा केस ने पहली बार लाश के टुकड़े कर उसे फ्रिज में रखने या छुपाने का आइडिया दिया था। ठीक उसी तरह महालक्ष्मी की लाश के साथ भी किया गया। फिलहाल श्रद्धा केस दिल्ली की एक अदालत में है। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में है, लेकिन इसके बावजूद अभी इस केस में गवाही तक पूरी नहीं हो पाई है।