मुंबई. Maharashtra: कोरोना महामारी से बचाव को लेकर राज्य सरकारों की ओर से कई बड़े प्रयास किए गए थे. महाराष्ट्र में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं. राज्य की तत्कालीन उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली सरकार ने भी कोरोना संक्रमण से बचाव और मरीजों के इलाज के लिए काफी काम किए थे. लेकिन सरकार पर इसकी आड़ में करोड़ों के घोटाले करने के आरोप भी लग रहे हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने कोविड जंबो सेंटर घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. करीब 100 करोड़ के घोटाले से जुड़े इस मामले में ईडी ने बुधवार को 15 जगहों पर एक साथ छापेमारी की. इसके बाद अब यह तय है कि आने वाले समय में उद्धव गुट और संजय राउत के करीबियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
सूत्रों के मुताबिक कोविड जंबो सेंटर घोटाले में ED ने पूरे मुंबई में 15 ठिकानों पर छापेमारी की है. यह सभी छापेमारी उद्धव गुट और राज्यसभा सांसद संजय राउत के करीबियों के यहां पर हुई हैं. आरोप है कि 2020 में मुंबई के मलाड इलाके में कोविड जंबो सेंटर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और इसमें पूरे 100 करोड़ का घोटाला हुआ है. इस मामले की शुरुआती जांच मुंबई पुलिस कर रही थी. लेकिन बाद में यह पूरा मामला केंद्रीय जांच एजेंसी ED के पास चला गया था. जिसके बाद ईडी आज पूरे एक्शन में नजर आई है.
जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे की सरकार के समय 2020 में कोविड के समय फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाइफ लाइन हॉस्पिटल को मुंबई के मलाड इलाके में एक जंबो कोविड सेंटर बनाने की परमिशन मिली थी. कोविड सेंटर बना भी. पिछले साल बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि पूरा कोविड सेंटर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बना है. और गलत तरीके से इनको जंबो सेंटर बनाने की परमिशन दी गई है.
लाइफ लाइन हॉस्पिटल सुजीत पाटकर का है. सुजीत पाटकर, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत के काफी करीबी माने जाते हैं. ईडी की छापेमारी पर यूबीटी सांसद संजय राउत का कहना है कि ईडी शिवसेना परिवार से जुड़े लोगों पर कोविड के नाम पर सेलेक्टिव तरीके से कार्रवाई कर रही है. लेकिन अभी शिंदे गुट में गए लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है. एकतरफा कार्रवाई हो रही है.
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि इस मामले को सबसे पहले उन्होंने उठाया था, और दावा किया था कि जंबो कोविड सेंटर के नाम पर यह करोड़ों का घोटाला है. किरीट सोमैया की शिकायत पर ही मुंबई पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. उन्होंने यह भी कहा कि 100 करोड़ के घोटाले में सभी संजय राउत के करीबी लोग हैं. अब इन सबको हिसाब देना होगा.