Manipur Tension Protesters : मणिपुर (Manipur News) में हिंसा की आग कम होने का नाम नहीं ले रही है। अभी भी राज्य में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। रविवार को जिरिबाम जिले में एक मैतेई प्रदर्शनकारी की पुलिस फायरिंग में गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद हालात इतने खराब हो गए कि राज्य के स्कूलों में दो दिन की छुट्टी हो गई। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) राज्य में हुई हिंसा से जुड़े 3 मामलों की जांच करेगी।
मणिपुर (Manipur News) के हालातों पर काबू पाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की 50 कंपनियों (जिसमें 5 हजार जवान शामिल होंगे) को भेजने का फैसला किया है। दरअसल, इसी महीने की 11 तारीख को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से 3 महिलाओं और 3 बच्चों का अपहरण कर लिया था। इनमें से पांच के शव शुक्रवार-शनिवार को बरामद हुए थे, जबकि एक शव सोमवार को मिला। इसके बाद से ही राज्य में कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
सात जिलों में लगा कर्फ्यू
हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने राज्य के सात जिले इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौउबल, काकचियांग, कांगपोकपी और काकचियांग में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही इन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने जलाए सीएम और गर्वनर के पुतले
सोमवार को मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने राजधानी इंफाल में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और सीएम बीरेन सिंह और गवर्नर एलपी आचार्य के पुतले जलाए। वहीं इंफाल के इमा कीथल में COCOMI संगठन और मणिपुर के लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार मणिपुर के लोगों की रक्षा करने में असफल साबित हुई है।