देहरादून, 15 जनवरी। Mass Death : राजस्थान के करौली जिले के मेहंदीपुर बालाजी में एक बार फिर सनसनी मचाने वाली खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, आश्रम के अंदर एक ही परिवार के चार लोगों के शव पाए गए हैं। 12 जनवरी को मेहंदीपुर बालाजी के रामा कृष्णा आश्रम में देहरादून से आकर एक परिवार रुका था, जिसमें परिवार में माता-पिता और बहन-भाई शामिल थे।
मामले की खबर टोडाभीम पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद उपखंड अधिकारी मुरारी लाल मीणा थाना अधिकारी देवेंद्र शर्मा के साथ में पुलिस मौके पर पहुंची।
आधार कार्ड के जरिए हुई पहचान
एक साथ चार लोगों के शव मिलने की खबर से आश्रम में हड़कंप मच गया। पुलिस को जानकारी मिलने के बाद मौके पर टोडाभीम और करौली से जिला पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय मौके पर पहुंचे। घटना की जांच करने के बाद आधार कार्ड मिला और इसी के जरिए चारों शवों की पहचान की गई। मृतकों की पहचान रामपुर देहरादून उत्तराखंड निवासी सुरेंद्र कुमार उपाध्याय (60), कमलेश (55), नितिन (32) और नीलम (25) के रूप में हुई है।
दो बेड पर और दो नीचे पड़े थे
जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह परिवार 12 जनवरी को मेहंदीपुर बालाजी आए थे। चारों में से दो बेड पर लेटे हुए थे और दो नीचे लेटे हुए थे। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। घटना प्रमुख आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में समाधि वाली गली में राधा कृष्णा आश्रम के रूम नंबर 119 की है। राजस्थान पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है। हालांकि, एक शक जहर खुरानी गिरोह पर भी जा रहा है। घटना 12 जनवरी की है। राजस्थान पुलिस की ओर से शवों की पहचान होने के बाद मंगलवार को घटना के संबंध में देहरादून पुलिस को इत्तला दी गई है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
सफाईकर्मी ने देखा
बताया जा रहा है कि मेंहदीपुर की रामकृष्ण धर्मशाला में कमरा नंबर 119 में कर्मचारी सफाई करने पहुंचा था। उसने देखा कि कमरे में दो लोग अचेत अवस्था में बेड पर और दो जमीन पर पड़े थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चिकित्सकों को बुलाया तो उन्होंने सभी को मृत घोषित कर दिया। कुछ के मुंह से झाग निकल रहे थे। राजस्थान पुलिस इसे प्रथम दृष्टया सामूहिक आत्महत्या मान रही है। स्थानीय पुलिस के अनुसार नितिन उपाध्याय ऑर्डिनेंस फैक्टरी में नियमित कर्मचारी थे। जबकि उनके पिता एक अधिकारी की गाड़ी चलाते थे। नितिन की बहन नीलम की शादी हो चुकी है। लेकिन वह ससुराल से अलग होकर अपने मायके में ही रहती है। कमरा नितिन के नाम पर ही बुक था।