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हाथरस, 03 जुलाई। Maut ka Satsang : हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में सत्संग के बाद मची भगदड़ में जिला मुख्यालय पर एक के बाद एक 27 लाशें पहुंची। बुधवार सुबह तक भगदड़ में मरने वाले 124 लोगों में से अधिकांश की पहचान कर ली गई है। सत्संग में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु आए थे। हादसे की जानकारी मिलने के बाद आए परिजन इन लाशों के ढेर में अपनों की खोज करते रहे। वीभत्स नजारा और परिजन की चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गईं। पुलिस व प्रशासन शवों की पहचान कराने में देर शाम तक जुटा रहा।

चारों ओर कफन में लिपटी लाशें

मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर मंगलवार दोपहर बाद 3 बजे के करीब जैसे-जैसे शवों की संख्या बढ़ती गई, भीड़ भी जुटती गई। एंबुलेंस सायरन बजाते आती गई और लाशों के ढेर लगते चलते गए। कुछ घायलों को निजी वाहनों से भी मेडिकल कॉलेज लाया गया। जिनमें से अधिकांश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

इनके साथ सत्संग में गए परिजन भीड़ में गुम हो गए और अपनों की तलाश करते रहे। शाम 5 बजे के बाद घायलों और शवों का आना बंद हुआ। तब तक पोस्टमार्टम हाउस पर भारी भीड़ जुट चुकी थी। भीड़ को देखकर जिले भर की पुलिस मोर्चरी पर बुला ली गई। अधिकारी लाउडस्पीकर के माध्यम से परिजन को बुलाकर शवों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराने में जुट गए। एएसपी धनंजय सिंह कुशवाहा ने माइक को संभाला। शवों के पास मिले नाम-पतों से घोषणा कर बुलाया जाता रहा। जो परिजन पहुंचे, उनके शवों को पोस्टमार्टम शुरू कराया गया।

PM हाउस के बाहर खुले में बना वैकल्पिक दफ्तर

मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हाउस और आसपास भारी भीड़ का जमावड़ा हो गया। इसके चलते पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को भी कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ गया। इसके बाद टेंट से मेजें मंगाई गई और कई इंस्पेक्टर रेंक के कर्मियों को लगाकर पोस्टमार्टम के लिए दस्तावेज तैयार कराए गए। पुलिस अधिकारियों को लाउडस्पीकर पर कमान संभालनी पड़ी और व्यवस्थाओं को बनाए रखने की बार-बार अपील की जाती रही। इसके बाद एक-एक मृतक के परिजन को बुलाकर दस्तावेजों को तैयार कराने में सहयोग लिया गया और प्रक्रिया चलती रहीं।