चंडीगढ़, 19 फरवरी। Mayor Election : चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट रुख किया है। दोनों दलों ने बीजेपी पर धोखाधड़ी कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया था। अब इस मामले में सोमवार को फिर से सुनवाई होनी है। सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
साथ ही AAP के तीन पार्षदों नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी के पाला बदलने से चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पूरा नंबर गेम बदल गया है। आम आदमी के तीनों पार्षद रविवार को बीजेपी में शामिल हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ उनका पार्टी में स्वागत किया और कहा कि पार्षदों को पूर्ण मान-सम्मान मिलेगा, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।
क्या है नंबर गेम
तीन AAP पार्षदों के आ जाने से अब बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 17 हो चुकी है, जबकि उनके पास 1 सांसद का वोट (चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर) भी है। इसके अलावा हाल ही में हुए मेयर चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद ने भी बीजेपी का समर्थन किया था। यानी बीजेपी के पास अब कुल 19 वोट हो चुके हैं और संख्याबल के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है।
तीन पार्षदों के पाला बदलने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के वोटों की संख्या 20 से घटकर 17 रह गई है। इसमें कांग्रेस के 7 और AAP के 10 पार्षद शामिल हैं। बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक सांसद का वोट मिलकर 36 वोट डाले जाते हैं। इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 बैठता है, जबकि बीजेपी ने 20 वोटों का जुगाड़ कर लिया है।
SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई थी फटकार
गत 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और AAP की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को फटकार लगाई थी और कहा था, ‘सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं’। अदालत ने अनिल मसीह को 19 फरवरी की सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया था।
30 जनवरी को क्या हुआ
30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सांसद किरण खेर के वोट डालने के बाद गिनती शुरू की गई। बीजेपी के पक्ष में 16 वोट पड़े थे, जबकि कांग्रेस और AAP गठबंधन के पक्ष में 20 वोट पड़े थे, लेकिन प्रिजाइडिंग ऑफिसर ने कथित रूप से उनके 8 वोट रद्द कर दिए और 16 पार्षदों के समर्थन वाले बीजेपी के जीत का ऐलान कर दिया। इसके बाद AAP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे। इसी वीडियो को AAP और कांग्रेस ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था।
हमारे पास है पूर्ण बहुमत : BJP
बीजेपी नेता अरुण सूद ने कहा कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है और मेयर हमारा ही रहेगा। पार्षद नेहा मुसावट ने कहा की आम आदमी पार्टी अपनी नीतियों में असफल रही है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा जॉइन की है। पूनम देवी ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों और दलितों के मसीहा हैं और उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए बहुत विकास के काम किए हैं और वह भाजपा जॉइन करके बहुत खुश हैं। गुरचरण काला ने कहा की वह पहले ही भाजपा में थे, वह कुछ लोगों के हाथों गुमराह हो गए थे और फिर अपनी पुरानी पार्टी (Mayor Election) में लौट आए हैं।