रायपुर, 24 अगस्त। MBBS Counselling 2025 : छत्तीसगढ़ राज्य में MBBS काउंसलिंग के पहले चरण में कुल 1988 सीटों का सफल आवंटन किया गया है। इस दौरान MBBS की 1396 और BDS की 284 सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित हुआ। एलिजिबिलिटी लिस्ट और राज्य की मेरिट लिस्ट में अंतर को लेकर उठे सवालों पर CGDME (छत्तीसगढ़ निदेशालय चिकित्सा शिक्षा) ने स्थिति स्पष्ट की है।
एलिजिबिलिटी और मेरिट लिस्ट में क्यों होता है अंतर?
विभाग ने बताया कि 26 जुलाई 2025 को NTA द्वारा जारी की गई एलिजिबिलिटी लिस्ट सिर्फ अभ्यर्थियों द्वारा NEET फॉर्म में भरे गए एलिजिबिलिटी स्टेट पर आधारित होती है। इसमें डोमिसाइल सर्टिफिकेट या अन्य राज्यीय शर्तें शामिल नहीं होतीं। इसलिए कई बार NTA की लिस्ट में वे छात्र भी शामिल रहते हैं, जिन्होंने राज्य कोटे के लिए आवेदन ही नहीं किया होता।
इसके विपरीत, राज्य की मेरिट लिस्ट उन्हीं अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के आधार पर तैयार की जाती है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ की डोमिसाइल शर्तें पूरी की हों और जरूरी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए हों।
उदाहरण के साथ समझाया गया अंतर
CGDME ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के नियमों की तुलना करते हुए बताया कि महाराष्ट्र में डोमिसाइल के लिए 10वीं और 12वीं वहीं से पास करना अनिवार्य है। वहीं, छत्तीसगढ़ में केवल डोमिसाइल प्रमाण पत्र और राज्यीय शर्तें ही मायने रखती हैं। ऐसे में NEET फॉर्म में कोई छात्र महाराष्ट्र का एलिजिबिलिटी स्टेट भर दे और 12वीं छत्तीसगढ़ से कर डोमिसाइल शर्तें पूरी कर ले, तो वह छत्तीसगढ़ की मेरिट लिस्ट में वैध माना जाएगा।
आरक्षण और प्रमाण पत्रों को लेकर भी किया गया स्पष्टीकरण
विभाग ने कहा कि कई छात्र NEET फॉर्म में केंद्रीय OBC, SC/ST दर्ज करते हैं, जो छत्तीसगढ़ की आरक्षण सूची में नहीं आते। ऐसे अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी में अवसर दिया जाता है। यदि फॉर्म भरते समय प्रमाण पत्र उपलब्ध न हो और काउंसलिंग में मूल निवासी प्रमाण प्रस्तुत किया जाए, तो छात्र को आरक्षित वर्ग में पात्र माना जाता है।
दस्तावेजों की जांच और वैधता
CGDME ने स्पष्ट किया कि काउंसलिंग के प्रत्येक आवंटन के बाद स्क्रूटनी अनिवार्य है। सभी प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी होने चाहिए। प्रवेश के एक दिन पहले तक जारी प्रमाण पत्र वैध माने जाएंगे। अमान्य या अनुपस्थित प्रमाण पत्र की स्थिति में आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर क्रॉस वेरिफिकेशन भी किया जा सकता है।
पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया
प्रथम चरण में 1988 सीटों का आवंटन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है। CGDME ने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पूर्ण पारदर्शिता के साथ तय नियमों के अंतर्गत कराई जा रही है। दूसरा चरण 27 अगस्त से प्रारंभ होगा।
चयन प्रक्रिया
- NEET फॉर्म में भरे गए राज्य और डोमिसाइल में अंतर हो सकता है।
- राज्य मेरिट लिस्ट पात्र अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ आधारित होती है।
- काउंसलिंग के दौरान प्रमाण पत्र की वैधता अनिवार्य है।
- प्रथम चरण में 1988 सीटों का सफल आवंटन।
- दूसरा चरण 27 अगस्त से शुरू होगा।
छत्तीसगढ़ में MBBS और BDS काउंसलिंग (MBBS Counseling 2025) से जुड़ी जानकारी और अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट या विभागीय पोर्टल पर नजर बनाए रखें।