Misuse of Govt Vehicle : सरकारी गाड़ी में बर्थडे मनाना पड़ा महंगा…! DSP की पत्नी पर FIR…कोर्ट ने ठोका जुर्माना…सोशल मीडिया पर वायरल Video बना सबूत

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बिलासपुर, 11 जुलाई। Misuse of Govt Vehicle : सरकारी वाहन का दुरुपयोग कर बर्थडे सेलिब्रेट करना बलरामपुर में पदस्थ डीएसपी तस्लीम आरिफ की पत्नी को महंगा पड़ गया। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए स्वत: संज्ञान लिया और अब राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया है कि डीएसपी की पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर, चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया है।

वहीं कोर्ट ने दोषी महिला पर जुर्माना भी लगाया है। हालांकि अदालत ने इन धाराओं के तहत डीएसपी की पत्नी पर जुर्माना लगाया है, लेकिन अभी तक औपचारिक रूप से राशि का खुलासा नहीं किया गया है।

यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें डीएसपी की पत्नी सरकारी वाहन के बोनट पर बैठकर नीली बत्ती लगे वाहन के साथ केक काटते हुए अपना जन्मदिन मना रही थी। वीडियो वायरल होने के बाद आमजन में आक्रोश देखा गया और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग पर सवाल उठे।

सोशल मीडिया पर वायरल VIDEO बना सबूत

हाई कोर्ट ने 29 जनवरी 2025 को एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। रिपोर्ट में राजधानी रायपुर की एक घटना का जिक्र था, जिसमें एक रसूखदार युवक ने सड़क पर कार रोककर बर्थडे मनाया और पुलिस ने सिर्फ 300 रुपये का जुर्माना लगाकर मामला रफा-दफा कर दिया था। कोर्ट ने इसे “औपचारिकता और दिखावा” करार देते हुए सख्त टिप्पणी की थी।

पीआईएल की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव ने कोर्ट को शपथ पत्र के जरिए जानकारी दी कि बलरामपुर की घटना में नामजद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया गया और दोषी महिला पर जुर्माना लगाया गया।

कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्य सचिव ने इस संबंध में आगामी योजनाओं की जानकारी भी अदालत को दी। कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई अगस्त में तय की है।

मुख्य बिंदु
  • वायरल वीडियो में सरकारी गाड़ी और नीली बत्ती का दुरुपयोग
  • डीएसपी की पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
  • कोर्ट में चालान पेश, दोषी पर जुर्माना
  • हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर दिया सख्त निर्देश
  • अगली सुनवाई अगस्त 2025 में

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सार्वजनिक संसाधनों के निजी इस्तेमाल पर अब अदालतें सख्त (Misuse of Govt Vehicle) रुख अपना रही हैं।