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रायपुर, 10 मार्च। Money Laundering Case : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार सुबह रेड मारी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्यभर में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें चैतन्य बघेल के ठिकाने भी शामिल हैं। यह कार्रवाई कथित आर्थिक अनियमितताओं और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है।

सुबह-सुबह हुई इस रेड के बाद रायपुर समेत पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि ईडी की कई टीमें एक साथ अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं और इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल डाटा की जांच की जा रही है।

जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक, ये सर्च ऑपरेशन छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से जुड़े मामले में किया गया। छत्तीसगढ़ में हुए ये शराब घोटाला से जुड़ा मामला करीब 2161 करोड़ का है। इस मामले में अब तक कई चर्चित अधिकारियों और एक पूर्व मंत्री की भी गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन अब जैसे जैसे तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ रहा है कई लोगों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

पूर्व आबकारी मंत्री हुए थे गिरफ्तार

इसी साल ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। उनसे हुई पूछताछ के आधार पर आज तफ्तीश का दायरा अब चैतन्य बघेल तक (Money Laundering Case) पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है।

दरअसल लखमा को पूछताछ के लिए 15 जनवरी को तीसरी बार बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। इस कारण जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में उन्हें ईडी के रायपुर दफ्तर में ही गिरफ्तार कर लिया गया।

दरअसल छत्तीसगढ़ में कवासी लखमा के खिलाफ एक गंभीर आरोप उस वक्त लगा था, जब वो राज्य में आबकारी मंत्री थे। उसी दौरान करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगा था।