MP High Court : पत्नी के साथ अननैचुरल Sex…! पति के खिलाफ FIR दर्ज…HC ने ठहराया सही

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भोपाल, 30 मई। MP High Court : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि पत्नी की इच्छा के खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना और उसके साथ मारपीट करना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के तहत क्रूरता की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने पत्नी द्वारा पति के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को सही ठहराया है।

मामला ग्वालियर बेंच का है

मामला ग्वालियर बेंच का है। यहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी। पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 377, 323 और 498 (ए) के तहत मामला दर्ज किया था। व्यक्ति का कहना था कि पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध भारतीय कानून में अपराध नहीं है। उसने यह भी कहा कि एफआईआर में दहेज उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं है, इसलिए 498 (ए) भी लागू नहीं होता।

जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने इस मामले पर फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि पत्नी की इच्छा के विरुद्ध और उसके विरोध करने पर उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाना, मारपीट करना और शारीरिक क्रूरता करना निश्चित रूप से क्रूरता की परिभाषा में आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्रूरता के लिए दहेज की मांग जरूरी नहीं है।

जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा कि यदि पति अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता है और उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है, तो यह क्रूरता की श्रेणी में आता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि क्रूरता के लिए दहेज की मांग आवश्यक नहीं है।

IPS की धारा 498A क्या है?

आईपीसी की धारा 498A के तहत, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर ऐसा कोई कार्य करता है जिससे किसी महिला के जीवन, अंग या स्वास्थ्य (मानसिक या शारीरिक) को गंभीर खतरा पहुंचे, तो वह क्रूरता मानी जाएगी।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • कोर्ट ने पत्नी की इच्छा के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने और मारपीट को क्रूरता माना है।
  • धारा 498A के तहत दहेज की मांग जरूरी नहीं है; शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना भी क्रूरता में आती है।
  • यह फैसला महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और घरेलू हिंसा के खिलाफ एक मजबूत कदम है।

इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय न्याय व्यवस्था (MP High Court) महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना को सहन नहीं किया जाएगा।