श्योपुर, 30 अप्रैल। MP Lok Sabha Elections : लोकसभा चुनावों के बीच कांग्रेस को लगातार एक के बाद एक लग रहे झटकों के बीच अब मध्य प्रदेश की राजनीति में अपना एक अलग मुकाम रखने वाले श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत अंततः पार्टी को अलविदा कहकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे। उनके भाजपा में स्वागत के लिए पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर ली गई है और वह पूरे साजो सम्मान के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अगुआई में भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक हैं तो वहीं पूर्व में कांग्रेस से ही सांसदी का चुनाव भी पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के सामने लड़ चुके हैं। प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बनाने वाले रामनिवास ओबीसी नेता के रूप में बड़ा चेहरा हैं और वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी नाराजगी का मुख्य कारण कांग्रेस आलाकमान द्वारा अनदेखी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ना बनाया जाना भी माना जा रहा है।
रामनिवास रावत के भाजपा में जाने की खबरों ने विजयपुर से लेकर श्योपुर तक के भाजपा और कांग्रेस नेताओं में खलबली मचा दी है, क्योंकि उनके जाने के बाद लोकसभा चुनाव में नए समीकरणों का बनना तय माना जा रहा है।
बहराहल, चुनावी मौसम में नेताओं के दलबदल का सिलसिला अभी बदस्तूर जारी बना हुआ है। बीते दिन ही इंदौर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस लेकर बीजेपी के लिए मैदान खुला छोड़ दिया। अब मुरैना-श्योपुर लोकसभा में भी कांग्रेस के कद्दावर नेता और विजयपुर विधायक रामनिवास रावत भाजपा में आने वाले हैं।
CM और वीडी शर्मा करवाएंगे ज्वाइन
सूत्रों की मानें तो प्रदेश भाजपा कार्यालय से एक फरमान जिला संगठन को भी मिल गया है। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा के मंडी प्रांगण में होने वाली सभा में रामनिवास भाजपा में शामिल हो जाएंगे। विधायक रावत मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ ही हेलीकॉप्टर से विजयपुर पहुंचेंगे। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे।
एक महीने से लिखी जा रही थी पटकथा
विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की बातें तो बीते एक महीने से आग की तरह फैल रही है लेकिन उनके जाने की स्क्रिप्ट फाइनल एंडिंग तक नहीं पहुंच सकी। लेकिन अब लगभग यह पूरी पटकथा लिखी जा चुकी हैं। रामनिवास रावत की नाराजगी का एक बड़ा कारण इस सीट से नीटू सिकरवार को लोकसभा टिकट देना भी है क्योंकि वे कांग्रेस से स्वयं सांसदी का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें पार्टी ने अनदेखा कर दिया। इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वे पूरी तरह कांग्रेस से मोह भंग कर चुके थे और आखिरकार मंगलवार को रावत भाजपा के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।
BJP में जाने के बाद बढे़गा कद!
कांग्रेस से 6 बार के विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत भाजपा में जाने के बाद एक अलग कद के नेता के रूप में उभरेंगे। सूत्र बताते हैं कि सरकार में उनकी भूमिका भी तय हो गई है और वह मोहन कैबिनेट में शामिल होकर अपना कद स्वाभाविक रूप से बड़ा करने वाले हैं। पहले भी रावत दिग्गी सरकार (MP Lok Sabha Elections) में मंत्री पद पर रह चुके हैं और वर्ष 2003 से भाजपा की सरकार रहने के बाद से वे विपक्ष में ही बैठे रहे थे।