Mukhtar Ansari Family: Grandfather freedom fighter-father leftist leader...Ansari's one son in jail-another on bail-reward of Rs 75 thousand on wife...read family historyMukhtar Ansari Family
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नोएडा, 29 मार्च। Mukhtar Ansari Family : मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह बीते कुछ दिन से बीमार था और इसका इलाज बांदा मेडिकल कॉलेज से चल रहा था। आज जेल की बैरक में उसकी तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया। सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। मुख्तार के इलाज में नौ डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी। लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

एक वक्त था जब मुख्तार और उसके परिवार की पूरे उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी। पूर्वांचल का कोई भी ऐसा सरकारी ठेका नहीं था, जो उसकी मंजूरी के बगैर किसी और को मिल जाए। मुख्तार की पत्नी से लेकर बेटों तक पर गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्तार का परिवार काफी समृद्ध रहा है। ऐसे में आज हम आपको मुख्तार के परिवार की पूरी कहानी बताएंगे। मुख्तार के परिवार में कौन क्या था और अभी कौन क्या है?

एक समय था परिवार का काफी नाम

मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ। परिवार का काफी नाम था। लोग खूब सम्मान करते थे। मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे 1926-1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और फिर मुस्लिम लीग अध्यक्ष भी रहे।

कहा जाता है कि डॉ. अंसारी महात्मा गांधी के काफी करीबी थे। वह गांधीवादी विचारधारा से जुड़े थे। जब देश का बंटवारा हुआ तो डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए। डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के बेटे सुब्हानउल्लाह अंसारी देश के बड़े वामपंथी नेता थे। सुब्हानउल्लाह ने बेगम राबिया के साथ शादी की थी। दोनों से तीन बेटे हुए। सिबकतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी।

सिबकतुल्लाह अंसारी : दो बार विधायक रह चुके हैं। 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 2017 में कौमी एकता दल के टिकट पर सिबकतुल्लाह ने चुनाव जीता था। सिबकतुल्लाह का एक बेटा है सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी। इस बार सुहेब ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीता है।

अफजाल अंसारी: पांच बार विधायक और दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार पांच बार सीपीआई के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2004 में सपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। 2019 में दूसरी बार बसपा के टिकट पर सांसद बने। अब अफजाल अंसारी को चार साल की सजा हुई है। अफजाल की तीन बेटियां हैं।

मुख्तार अंसारी: तीन भाइयों में सबसे छोटा मुख्तार अंसारी था, लेकिन अपराध की दुनिया में सबसे बड़ा नाम इसी का रहा। मुख्तार अंसारी की शुरुआती पढ़ाई युसुफपुर गांव में हुई। इसके बाद उसने गाजीपुर कॉलेज से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। मुख्तार अंसारी की पत्नी का नाम अफशां अंसारी है। अफशां के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। अफशां पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम रखा है। वह लंबे समय से फरार चल रही है। अफशां और मुख्तार के दो बेटे हैं अब्बास अंसारी और उमर अंसारी।

अब्बास अंसारी : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए मऊ से 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव जीता। अब्बास अंसारी निशानेबाजी में तीन बार का राष्ट्रीय चैंपियन है और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम के साथ खेल चुका है। अब्बास का एक बेटा है। अब्बास की पत्नी का नाम निखत बानो है। अब्बास अभी जेल में बंद है।

उमर अंसारी : 24 साल का उमर अंसारी भी पुलिस के निशाने पर है। उमर पर हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। उमर अभी फरार चल रहा है। लग्जरी गाड़ियों का शौक रखने वाला उमर अपने पिता के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ था।

मुख्तार के नाना थे महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Family) के ननिहाल की बात करें तो उनका भी समाज में काफी नाम रहा है। मुख्तार अंसारी के नाना बिग्रेडियर उस्मान आर्मी में थे और उन्हें उनकी वीरता के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। बिग्रेडियर उस्मान ने 1947 की जंग में भारत को नवशेरा में जीत दिलाई थी। वो इस युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए थे और उनकी शहादत के बाद ही उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार हैं।