भोपा, 12 अक्टूबर। Murder in Superstition : अंधविश्वास में एक माह की मासूम बेटी शगुन की हत्या करने वाले दंपती गोपाल और ममता का पुलिस ने चालान कर दिया। तीसरे दिन भी पुलिस मासूम के शव को नहीं तलाश सकी है। वहीं पूछताछ में चौंकने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, अंधविश्वास में यह हत्या की गई। आरोपी ममता ने बताया कि उसके सिर भूत प्रेत का साया आता था। ममता ने बताया कि घटना वाली रात में प्रेत ने सिर आकर कहा था कि बच्ची न तेरी है न किसी की है, इसलिए बच्ची उसे दे दो। इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया।
उधर, जिस तांत्रिक को पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की थी, उसे छोड़ दिया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए तांत्रिक की भूमिका वारदात में नहीं मिली है। बेलडा निवासी गोपाल की पत्नी ममता ने एक माह पहले बेटी शगुन को जन्म दिया था। प्रसव के बाद से ही ममता बीमार रहने लगी थी। दंपती ने बीमारी की वजह बेटी को मान लिया गया। उपचार से भी सेहत में सुधार न होने पर उसने तंत्र मंत्र से उपचार लेना शुरू किया था। चौकी लगाने वाले बाबा के यहां भी उसका आना जाना था।
बेटी की हत्या करने का मामला खुल कर सामने आने पर महिला ने पुलिस व अन्य लोगों के सामने एक तांत्रिक बाबा के यहां जाने की भी बात कही थी। उसने एक बाबा पर आरोप भी लगाए थे। पुलिस ने तांत्रिक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। मासूम बेटी की हत्या में मां बाप का हाथ मानते हुए पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार कर चालान कर दिया। उधर, इसके बाद भी गांव में लोग एक बाबा के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
यह था मामला
बेलड़ा निवासी गोपाल ने अप्रैल माह में परतापुर निवासी ममता के साथ तीसरी शादी की थी। शादी के समय ममता गर्भवती थी। एक माह पहले ममता ने एक बेटी को जन्म दिया था। मंगलवार रात में दंपती ने बेटी का गला दबाकर उसकी हत्या कर शव को पहले खेत में फेंका। बाद में गोपाल शव को बेलड़ा गंगनहर में फेंक आया था। पुलिस ने बुधवार को मामला सामने आने पर हत्या के आरोप में दंपती को गिरफ्तार कर लिया था।
दोनों ही तंत्र मंत्र पर विश्वास करते थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि शगुन के जन्म के बाद से ममता के सिर भूत प्रेत आने लगे थे। भूत उतारने का बहाना लेकर दंपती ने मंगलवार रात घर पर ही गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी। इसके बाद पहले जंगल और फिर नहर में फेंक आए। दंपती की निशानदेही पर बच्ची के कपड़े, मोपेड, साइकिल बरामद कर लिए। काफी प्रयास के बाद भी शव नहीं मिल सका। आरोपी दंपती का चालान कर दिया गया।
दो बार फेंकी शगुन की लाश
जन्म के बाद से ही गोपाल शगुन से नफरत कर रहा था। पहले गला दबाकर हत्या की और इसके बाद पति-पत्नी काले कपड़े में शव लपेट कर मोपेड पर सवार होकर रहमतपुर मार्ग पर पहुंचे। यहां खेत में शव फेंक आए। घर आकर गोपाल ने नहाकर पूजा की। रात में एक बार फिर साइकिल पर गोपाल जंगल पहुंचा और शव को उठाकर वहां से दो किमी दूर बेलड़ा गंगनहर में फेंक आया। जबकि पहले दंपती ने बच्ची की मौत बीमारी से बताकर पुलिस को गुमराह किया था। लेकिन क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज ने सच खोलकर रख दिया।
सीओ भोपा ने बताया कि चूंकि बच्ची ने कुछ दिन पहले ही जन्म लिया था। इसलिए ममता को दूध आता था। जिससे वह परेशान थी। गोपाल ने गांव में ही एक मेडिकल स्टोर के यहां जाकर दूध सुखाने की दवाई देने को कहा तो उससे कारण पूछा गया। उसने बेटी की मौत होने की बात बताते हुए दवाई देने को कहा। इसके बाद से यह बात पूरे गांव में फैल गई थी। मामला पुलिस तक जा पहुंची थी।
पत्नी की दूसरी और पति की थी तीसरी शादी
बेलड़ा निवासी आरोपी गोपाल की पहली शादी 2011 में कोमल के साथ हुई थी। जिससे दो बेटी पैदा हुई। 2015 में पत्नी कोमल गोपाल से अलग होकर उसके बड़े भाई दीपक के साथ बच्चों सहित रहने लगी। गोपाल ने दूसरी शादी कुतुबपुर निवासी महिला से कर ली थी, लेकिन वह भी उसे छोड़ कर चली गई। इसी वर्ष अप्रैल माह में गोपाल ने तीसरी शादी गर्भवती ममता से की।
पुलिस ने बताया कि ममता की भी पहली शादी मेरठ के परतापुर निवासी व्यक्ति के साथ हुई थी। वह अपने पति से परेशान थी। परतापुर में गोपाल के एक परिचित की रिश्तेदारी थी। उसके माध्यम से गोपाल ने गर्भवती ममता से शादी कर ली थी। लेकिन दोनों ही जन्मी बेटी को रखना नहीं चाहते थे। इसी के चलते दोनों ने उसकी बलि दे दी।