खरगोन, 12 अगस्त। Murder of Nephew : मध्य प्रदेश के खरगोन में पुलिस ने अंधे और सनसनीखेज कत्ल का पर्दाफाश किया है। चाचा ने ही 19 वर्षीय भतीजे को अपनी 18 साल की बेटी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखने में इस वारदात को अंजाम दिया। पहले बेटी को मारते-मारते घर ले गया और फिर रात में छत पर सो रहे भतीजे की कुल्हाड़ी काटकर हत्या कर दी।
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 90 किमी दूर बलवाड़ा थाना इलाके का यह मामला है। तीन माह पहले 29 मई को अपने ही घर की छत पर सो रहे 18 वर्षीय युवक प्रीतम सिंह सोलंकी की कुल्हाड़ी से कई वार कर निर्मम हत्या कर दी गई। जबकि पास ही में प्रीतम का छोटा भाई और मौसी का लड़का सो रहे थे। प्रीतम पर कुल्हाड़ी से एक नहीं, आठ बार गर्दन, पीठ, जबड़े पर गंभीर वार कर वीभत्स हत्या की गई थी। पुलिस को सूचना मिलने पर थाना इंचार्ज अनिल बामनिया टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे और सनसनीखेज हत्या के साक्ष्य जुटाए।
पहले भी घर से भागे थे चचेरे भाई-बहन
मृतक के घर आसपास के लोगों से जब थाना इंचार्ज अनिल बामनिया ने बात की तो पता चला प्रीतम के चाचा 38 वर्षीय कुंवरसिंह पिता गुलाबसिंह ने घटना से पहले प्रीतम और उसकी 18 साल लड़की को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। घटना के बाद से मृतक का चाचा कुंवर सिंह पूरे परिवार के साथ मजदूरी करने महाराष्ट्र चला गया था।
पुलिस थाना इंचार्ज अनिल बामनिया ने बताया, आरोपी कुंवरसिंह ने जब बेटी को भतीजे के साथ आपत्तिजनक हालत में घर देखा था तो गुस्से पर काबू नहीं रख सका, क्योंकि पहले भी चचेरी बहन और भाई घर से भाग गए थे और शादी कर ली थी।कुंवरसिंह को डर था कहीं मेरी भी भतीजे के साथ भाग गई तो काफी बदनामी होगी।
इसलिए साथ में सोए भाई को नहीं चला पता
प्रीतम की जब कुल्हाड़ी से कई बार निर्मम हत्या की गई तो सवाल ये उठाकर पास में सो रहा छोटा भाई अरुण और उसका मौसी का लड़का नींद से क्यों नहीं जागे? इस पर थाना इंचार्ज का कहना है कि प्रीतम के भाई के दूसरी जगह संबंध थे, इसलिए वो मौसी के लड़के के साथ रात में घर के पीछे लगी सीढ़ियों से उतरकर चला गया। चांदनी रात होने से दोनों को जाते हुए कुंवरसिंह ने देख लिया। उसे समझ में आ गया प्रीतम अकेला है। यह देख चाचा कुंवरसिंह ने तत्काल कुल्हाड़ी उठाई और सो रहे प्रीतम की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर खत्म कर दिया।
मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ में खुलासा
पुलिस ने जब आरोपी की बेटी से पूछताछ की तो उसने बताया घटना वाली रात पिता कुंवरसिंह 10 मिनट के लिए कुल्हाड़ी लेकर कहीं पर गए थे। पुलिस को कुल्हाड़ी कुंवर सिंह के घर से बरामद हुई जिससे प्रीतम की हत्या की गई थी। मृतक के चाचा कुंवरसिंह को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया और उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई। पुलिस टीम की पूछताछ में कुंवरसिंह पहले पुलिस को गुमराह करता रहा, मगर अंत में टूट कर उसने हत्या करना स्वीकार किया।
आरोपी कुंवर सिंह ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन प्रीतम के घर पर कुंवर सिंह पानी पीने के लिए गया था। कुछ आवाज आने पर कुंवर ने कमरे में झांककर देखा तो भतीजा प्रीतम और खुद की बेटी को आपत्तिजनक स्थिति में थे। यह देख कुंवर का खून खौल उठा और उसने प्लानिंग बनाकर प्रीतम को खत्म करने की ठान ली थी।
आरोपी कुंवर सिंह ने घटना के वक्त पहने हुए खून लगे कपड़ों को 4 दिन बाद नदी पर जाकर जलाने के स्थान का भी पुलिस को बताया। पुलिस टीम ने मौका मुआयना किया। प्रकरण में साक्ष्य को नष्ट करने के कारण प्रकारण में धारा 201 भादवि का इजाफा किया गया है। गिरफ्तार आरोपी कुवरसिंह सोलंकी को कोर्ट में पेश किया जा रहा है।