रायपुर, 06 अक्टूबर। Navratri Festival : निनवा गांव के भुनेश्वर यादव ने शनिवार सुबह अपनी कुलदेवी को खुश करने उसने खुद ही की बलि चढ़ा दी। बताते हैं कि 2022 में उसने पहली बार नवरात्रि पर ज्योत-जंवारा की स्थापना की थी। देवी को खुश करने के लिए उसने एक बकरा भी कटवाया था।
गांववाले बताते हैं कि इसके बाद से ही भुनेश्वर के व्यवहार में काफी बदलाव नजर आने लगे थे। वह लोगों से कहता था कि देवी अब भी नाखुश है और बलि मांग रही है। घर में पत्नी के अलावा 2 बेटे और बहू भी साथ रहते थे। बेटे राजमिस्त्री हैं।
कटा सर देखकर पत्नी के उड़े होश
पत्नी और दोनों बहुएं भी काम करती हैं। शनिवार को सभी काम पर निकले। भुनेश्वर घर पर अकेला था। पत्नी काम से लौटी तो घर का दरवाजा बंद मिला। आसपास के लोगों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा। अंदर देखा तो भुनेश्वर पूजाघर में खून लथपथ पड़ा था। उसका गला कटा हुआ था। हाथ में कैची थी। भुनेश्वर यादव की पत्नी ने अंतिम सांस लेते हुए उसे देखी। तड़पते हुए वह एक पल अपनी पत्नी को देखता, फिर देवी की ओर। ऐसा प्रतीत हो रहा था वह कुछ बताने की कोशिश कर रहा हो।
नजारा देखकर भुलेश्वर की पत्नी चीख पड़ी। उसकी सांसें चल रही थीं। तड़पते हुए वह एक पलज अपनी प%ी को देखता, फिर देवी की ओर देखने लगता। मानो कुछ बताने की कोशिश कर रहा हो। इस बीच लोगों ने एंबुलेंस बुलवा ली। लेकिन, उसने एंबुलेंस में चढ़ने से पहले ही दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर सिलियारी पुलिस भी मौके पर पहुंची। पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजन और पड़ोसियों के बयान लिए जा रहे हैं।
हॉस्पिटल पहुंचने से पहले तोडा दम
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोगों की भीड़ लग गई। उन्हीं में से एक ने एंबुलेंस बुलवाया। एंबुलेंस में चढ़ते वक्त उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। दूसरी ओर गांव वालों का कहना है कि भुनेश्वर यादव की दिमागी हालत बीते कुछ समय ठीक नहीं था। घटना दिनांक को उसने दुकान से पूजन सामग्री समेत कुछ और चीजें ली थी।