रायपुर, 28 मई। Naxal-Free Bastar : छत्तीसगढ़ का बस्तर नक्सलमुक्त हो गया है। यहां अब लाल आतंक का नामो-निशान मिट गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने बस्तर जिले को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची (LWE-Left Wing Extremism) से हटा दिया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बस्तर को अब आधिकारिक रूप से नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है। यह छत्तीसगढ़ राज्य और विशेषकर बस्तर के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
बीते वर्षों में सुरक्षा बलों, राज्य सरकार और स्थानीय जनता के संयुक्त प्रयासों से बस्तर में शांति की बहाली हुई है। लगातार चल रहे विकास कार्य, सड़क निर्माण, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और प्रशासन की सक्रियता ने बस्तर को नक्सलवाद से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई।
बस्तरवासियों के लिए गर्व का विषय
केंद्र सरकार की ओर से LWE लिस्ट से नाम हटाए जाने के फैसले से क्षेत्र में निवेश और विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ बस्तर की छवि बदलेगी, बल्कि रोजगार और पर्यटन के अवसरों में भी वृद्धि होगी। बस्तरवासियों के लिए यह फैसला न केवल गर्व का विषय है, बल्कि आने वाले समय में स्थायी शांति और प्रगति की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
अगले चैत्र नवरात्र तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा- शाह
पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगले चैत्र नवरात्र तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने नक्सलियों ने हथियार डालने की भी अपील की थी। शाह ने कहा था कि अब वो समय चला गया जब यहां गोलियां चलती थीं और बम फटते थे। मैं उन सभी लोगों से, जिनके हाथ में हथियार हैं, सभी नक्सली भाइयों से, हथियार छोड़ने की अपील करता हूं। जब कोई नक्सली मारा जाता है तो कोई खुश नहीं होता, लेकिन इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है। वहीं, आज ये खबर आई कि बस्तर नक्सलमुक्त हो गया और सरकार ने बस्तर का नाम LWE लिस्ट से हटा दिया। जाहिर है बस्तर के लोगों के लिए यह सबसे बड़ी खुशखबरी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इन सफलताओं की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत अभियान में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ कठोर नीति अपना रही है और जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में नक्सली हिंसा (Naxal-Free Bastar) की घटनाओं में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है। साथ ही 589 गांवों को इस खतरे के चंगुल से मुक्त कराया गया है। यह जानकारी राज्य सरकार ने दी है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जगदलपुर दौरे से एक दिन पहले आई है। जगदलपुर बस्तर जिले का मुख्यालय है, जो नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सात जिलों में से एक है।