छतरपुर, 21 सितंबर। NCERT : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एनसीईआरटी की पर्यावरण पुस्तक पर एक अभिभावक ने लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए छतरपुर पुलिस को लिखित में शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। यह आपत्ति डॉक्टर राघव पाठक नाम के एक व्यक्ति ने दर्ज कराई है।
बता दें कि राघव पाठक का आरोप है कि NCERT की कक्षा तीसरी में पर्यावरण विषय के 17 नंबर पेज में उन्हें अपत्ति है। इस पेज में चिट्ठी आई है, नाम का एक शीर्षक है, जिसमें रीना नाम की लड़की अहमद को छुट्टियों में अगरताल आने का निमंत्रण देती है और अंत में लिखती है आपकी रीना।
‘आपकी रीना’ पर घोर अपत्ति
राघव पाठक ने खजुराहो एसडीओपी को लिखित में एक शिकायती आवेदन देते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। डॉक्टर राघव पाठक का कहना है कि उनकी बेटी कक्षा तीसरी में पढ़ती है। एनसीईआरटी की पर्यावरण पुस्तक की पेज नंबर 17 पर रीना नाम की लड़की अहमद नाम के लड़के को एक पत्र लिखती है और पत्र के अंत में वह लिखती है कि आपकी रीना जिस पर मुझे घोर अपत्ति है।
एक हिंदू लड़की एक मुस्लिम लड़के को पत्र लिख रही है और अंत में वह अपने आप को उसका बताती है, इससे साफ जाहिर है कि छोटे बच्चों के मन में लव जिहाद के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। बल्कि आने वाले समय में लव जिहाद जैसी घटनाएं बढ़ेंगी। एक ओर सरकार लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बना रही है। दूसरी ओर एनसीईआरटी की यह किताब लव जिहाद को बढ़ावा दे रही है।
मैं चाहता हूं कि इस पुस्तक के 17 नंबर पेज पर जिस चिट्ठी में अहमद और रीना का जिक्र है, उसे बदला जाए या फिर इसे हटा दिया जाए। क्योंकि मैं भी एक पिता हूं और मेरी बेटी इस किताब को पढ़ रही है। मैं नहीं चाहता कि उसके मन में किसी भी तरह के कोई गलत भाव पैदा हो।
वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी शिकायत
मामले में खजुराहो एसडीओपी सुनील शर्मा का कहना है कि डॉ. राघव पाठक के द्वारा एनसीईआरटी की पर्यावरण की पुस्तक पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए शिकायत आवेदन दिया है। क्योंकि मामला पाठ्य पुस्तक से जुड़ा हुआ है। इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों को यह आवेदन भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में ही होगी।
खजुराहो एसडीओपी सुनील शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया, जो कि मामला राज्य सरकार से जुड़ा हुआ है। इसीलिए शिकायतकर्ता डॉ. राघव पाठक को मैंने इस बात की सलाह दी है कि अगर उन्हें एनसीईआरटी की पुस्तक पर किसी प्रकार की आपत्ति है तो उन्हें राज्य सरकार को भी लिखित में शिकायत करनी चाहिए। फिलहाल, उनके द्वारा जो शिकायत का आवेदन हमें मिला है, वह हमने वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया है।