भोपाल, 11 दिसंबर। New CM Mohan Yadav : मध्य प्रदेश में मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम के ऐलान ने सभी को चौंका दिया है, लेकिन इससे भी अधिक चौंकाने वाला रहा मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का उनका सफर।
इससे पहले बीजेपी कार्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों का फोटो सेशन हुआ था। इस फोटो सेशन में डॉ. मोहन यादव पीछे की कतार में बैठे नजर आए थे। संभावित रूप से शायद किसी को अंदाजा नहीं होगा कि मोहन यादव को पार्टी इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
इस तरह देखा जाए तो फोटो सेशन के दौरान तीसरी कतार में बैठे नजर आए मोहन यादव ने सीएम पद तक पहुंचने की रेस में सभी को पीछे छोड़ दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद के लिए खुद मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव हाईकमान के समक्ष रखा था। इसके बाद विधायक दल की बैठक में यादव के नाम पर मुहर लगा दी गई।
बता दें कि मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। उन्हें संघ का करीबी माना जाता है। वह शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। वह 2013 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 2018 में उन्होंने दूसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव जीता।मार्च 2020 में शिवराज सरकार के दोबारा बनने के बाद जुलाई में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था। दो जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सूबे की राजनीति में उनका कद बढ़ा।
उनका जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। वह कई सालों से बीजेपी के साथ थे। इसके साथ ही वह लगातार तीसरी बार विधायक बने। उन्होंने बीजेपी के मोहन यादव ने उज्जैन दक्षिण सीट से कांग्रेस के चेतन प्रेम नारायण को 12941 वोटों से हराया था।
मोहन यादव ने छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रख दिया था। वह 1982 में माधव साइंस कॉलेज के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे। इसके बाद 1984 में वह अध्यक्ष बने। 1984 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) उज्जैन के नगर मंत्री पद तक पहुंचे।
बाद में 1988 में उन्हें एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। वह 1989-90 तक परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री बने। इसी तरह सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए वह 1991-1992 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री पद तक पहुंच गए।
वह 1993-1995 में आरएसएस (उज्जैन) शाखा के सहखंड कार्यवाह बने। 1997 में भाजयुमो की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने। बाद में 1998 में पश्चिमी रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बन गए। 1999 में उन्हें भाजयुमो के उज्जैन संभाग का प्रभारी बनाया गया।
साल 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्यपरिषद के सदस्य बने। 2000-2003 में उन्हें भाजपा का नगर जिला महामंत्री बनाया गया। 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने। बाद में 2004 से 2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद तक पहुंचे। साल 2008 से भारत स्काउट एंड गाइड के जिलाध्यक्ष बने। 2011-2013 में मध्य प्रधेश राज्य पर्यटन विकास निगम बने।
इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। उन्हें उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) की ओर से महात्मा गांधी पुरस्कार, इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन की ओर से सम्मान और मध्य प्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु पुरस्कार से नवाजा (New CM Mohan Yadav) गया है।