रायपुर, 6 अप्रैल। Notice to Ex CM Baghel : पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पीसीसी के पूर्व महामंत्री अरूण सिसोदिया का भेजा मानहानि की नोटिस लेने से इंकार कर दिया है। सिसोदिया ने यह नोटिस स्पीड पोस्ट के जरिए मान सरोवर कालोनी स्थित बघेल के निवास भेजा था। पोस्ट मेन ने नोटिस लेने से मना करने का स्टांप लगाकर सिसोदिया के वकील को लौटा दिया है । अब सिसोदिया के पास कोर्ट में याचिका दायर कर बघेल के समन भिजवाने का विकल्प है। सिसोदिया ने, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भाजपा स्लीपर सेल कहे जाने पर मानहानि का यह नोटिस भेजा है।
बता दें कि, कांग्रेस के पूर्व महासचिव अरुण सिसौदिया ने अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कानूनी नोटिस भेजा है। जिसमें उन्होंने 15 दिन का समय दिया है। नोटिस में कहा गया कि, भूपेश बघेल समय सीमा के भीतर सार्वजनिक माफी मांगें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
उन्होंने आगे कहा कि मैं 19 साल से कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित हूं। इसके बावजूद हमें कांग्रेस का स्लीपर सेल कहा जाता है, जो एक आतंकवादी समूह से जुड़ा हुआ है।एक समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते मैं इससे अपमानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि, अपने वकील से सलाह लेने के बाद पूर्व सीएम को कानूनी नोटिस भेजा गया है। जिसमें उन्हें 15 दिन के अंदर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हेराफेरी का लगाया था सार्वजनिक आरोप
बता दें कि कुछ दिनों पहले सिसोदिया ने सार्वजनिक तौर पर कोष में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने नोटिस जारी कर 3 दिनों में जवाब मांगा था। कांग्रेस के नेता अरुण सिसोदिया ने लेटर बम फोड़ा है। जिसमें कई सारे आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद कांग्रेस के नेता सिसोदिया कारण बताओ नोटिस पर अरुण सिसोदिया ने स्पष्टीकरण प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पेश किया है।
जिसमें उन्होंने दीपक बैज से कहा है कि कोष में गड़बड़ी का जांच होना चाहिए। साथ ही कहा कि आपके द्वारा दिया गया पत्र कैसे लीक हुआ, इसकी एक समिति बनाकर जांच की मांग करता हूं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी को हुए नुकसान की भरपाई रामगोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा से करने की मांग की है। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का आरोप लगते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता को स्लीपर सेल कहकर उनका अपमान करने पर भूपेश बघेल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मेरे द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया है, जिससे पार्टी की छवि धुमिल और मेरा पत्र व कार्य अनुशासनहीनता की श्रेणी ( Notice to Ex CM Baghel) में नहीं आता है।